लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिव भक्त रूप में नजर आए हैं। शनिवार (आठ जून, 2019) को सूबे के बाराबंकी स्थित एक शिवालय में उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की। अखिलेश ने बाबा शिव के जलाभिषेक से लेकर उनका श्रृंगार तक किया। समाजवादी पार्टी के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट में मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के हवाले से कहा गया, “अखिलेश रामनगर विधानसभा क्षेत्र के रानीगंज गांव में जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे। सपा चीफ ने मृतक आश्रितों को सांत्वना दी और सरकार से पीड़ित परिवारों को 20-20 लाख रुपए की मदद देने की मांग उठाई।” अखिलेश ने उस दौरान सवाल भी किया- अभी तक शराब कांड के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए सख्त कदम क्यों नहीं उठाये गए?

रानीगंज से लौटते हुए वह पौराणिक महत्व के आस्था केंद्र महादेवा मंदिर भी गए। वहां उन्होंने श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की आरती और पूजा अर्चना की। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना धर्मराज युधिष्ठिर ने की थी और पांडवों ने भी इसकी परिक्रमा की थी। पुजारियों ने महादेवा मंदिर के प्रवेशद्वार पर पूर्व मुख्यमंत्री का स्वस्तिवाचन मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया। वे पूजा के बाद मंदिर क्षेत्र की परिक्रमा में भी साथ रहे।

बकौल प्रवक्ता, “मुख्य पुजारी ने अखिलेश को पूजा का अंगवस्त्र देते हुए उनकी सफलता और विजय का आशीर्वाद दिया। मंदिर में सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी आंदोलन के महानायक डॉ.राममनोहर लोहिया ने राम की मर्यादा, कृष्ण के हृदय और शिव के मस्तिष्क को अपनाने की आकांक्षा की थी।”

दरअसल, अखिलेश को एक के बाद एक लगातार दो झटके लगे हैं। पहला सूबे में लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मिली हार और दूसरा बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा उपचुनाव अलग लड़ने का ऐलान। बता दें कि चुनाव में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में इस बार बीजेपी के खाते में 62 सीटें गईं, जबकि सपा (5) – बसपा (10) का गठबंधन महज 15 सीटें ही हासिल कर सका। बीजेपी ने यह चुनाव बहुत हद तक हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मोर्चे पर लड़ा और शानदार जीत हासिल की। ऐसे में कुछ राजनीतिक जानकारों की मानें तो अखिलेश भी उसी राह पर बढ़ते हुए वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, यह कितना लाभदायी होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

मुलायम ने कुनबे को जोड़ने की नई कोशिश कीः आम चुनाव में सपा के निराशाजनक प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश और अपने भाई शिवपाल के बीच सुलह के लिए फिर से पहल की है। सूत्रों के हवाले से ‘पीटीआई-भाषा’ ने बताया कि मतभेद दूर करने के लिए बीते कुछ दिनों में मुलायम ने अखिलेश से, शिवपाल से और पूरे कुनबे से भेंट कीं। ये मुलाकातें दिल्ली और यूपी के सैफई में हुईं। मुलायम की ये प्रयास फिलहाल नाकाफई दिख रहे हैं, क्योंकि शिवपाल ने अपनी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी’ का सपा में विलय करने से इन्कार कर दिया है। वह पिछले साल सपा से अलग हुए थे, तभी उन्होंने अलग पार्टी बनाई थी। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)