चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति सुधारने का जिम्‍मा दिया गया है। लेकिन उन्‍हें गांधी परिवार के संसदीय क्षेत्रों से दूर रहने को कहा गया है। इसके तहत अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के तहत प्रशांत किशोर रायबरेली, अमेठी और सुल्‍तानपुर का कामकाज नहीं देखेंगे। इन तीनों जिलों की यूनिट और राज्‍य कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि उन्‍हें उनकी सेवाओं की आवश्‍यकता नहीं है। उनके अनुसार इन जिलों में प्रियंका गांधी खुद कैडर चुन रहीं हैं और उनकी मॉनिटरिंग भी कर रही हैं। यह बाकी के राज्‍य के लिए पहले से ही उदाहरण बन चुका है।

प्रशांत किशोर की ओर मांगी गई सूचनाओं को राज्‍य की बाकी जिला यूनिट्स ने मुहैया करा दिया। इनमें कम से कम 20 समर्पित कार्यकर्ताओं के नाम और फोन नंबर मांगे गए थे। रायबरेली, अमेठी और सुल्‍तानपुर की जिला यूनिट्स को इस प्रक्रिया से अलग रखा गया। अमेठी जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष योगेन्‍द्र मिश्रा ने बताया,’यहां पर हमारा कैडर ग्रासरूट लेवल तक है। इसे प्रियंका ने व्‍यक्तिगत रूप से चुना है और वे खुद इसकी निगरानी कर रहीं हैं। यह केवल 20 लोगों के नाम की बात नहीं है। हम प्रत्‍येक विधानसभा सीट से 1000 नाम दे सकते हैं लेकिन उसकी यहां जरूरत नहीं है।’

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मिश्रा ने बताया कि उन्‍हें न तो इस प्रकिया में शामिल होने को कहा गया और न ही उन्‍हें इसकी जरूरत है। कैडर पहले से ही प्रियंका की निगरानी में काम कर रहा है। राज्‍य अध्‍यक्ष निर्मल खत्री ने पुष्टि करते हुए कहाकि इन तीनों जिलों से फीडबैक नहीं मांगा गया। उन्‍होंने कहा,’वहां पर कैडर पहले से ही सक्रिय है।’ सुल्‍तानपुर को बाहर रखे जाने के सवाल पर खत्री ने कहा,’हमारी गलतियों के कारण वहां पर कैडर मजबूत नहीं किया जा सकता। अभी मैं सुल्‍तानपुर को इसमें शामिल न किए जाने का कारण नहीं बता सकता।’

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