प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत उत्तर प्रदेश के एक भी किसान को अभी तक तीसरी किश्त का भुगतान नहीं हुआ है। योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर सोमवार रात के आखिरी अपडेट में यह जानकारी सामने आई है। ऐसे हालात तब हैं जब इस योजना का लाभांवित हर चौथा किसान उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखता है। तीसरी किश्त का भुगतान 1 अगस्त से 30 नवंबर के बीच लंबित है। अभी तक देश भर के कुल 94.88 लाख किसानों को दो-दो हजार रुपये दिए जा चुके हैं।
आंध्र प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना वे तीन शीर्ष राज्य हैं जिन्होंने तीसरी किश्त का भुगतान कर दिया है। इन राज्यों ने क्रमश: 16.35 लाख, 13.99 लाख और 11.03 लाख किसानों को भुगतान किया है। बताया जा रहा है कि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था और ग्रामीण क्षेत्रों में घटती डमांड से चिंतित वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से हुई देरी की वजहों का पता लगाएं। एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर बताया, ‘हमने कृषि सचिव को यह मामला देखने के लिए कहा है। हमने कहा है कि इस योजना पर धीमे बढ़ते राज्यों पर स्टेटस रिपोर्ट दी जाए और भुगतान में तेजी लाई जाए।’
PM-KISAN के डेटा से पता चलता है कि स्कीम के तहत पहली किश्त के भुगतान के दौरान कुल 6.47 करोड़ किसानों को फायदा पहंचा है। वहीं, दूसरी किश्त के भुगतान तक किसान लांभावितों की संख्या घटकर 3.83 करोड़ हो गई। बता दें कि PM-KISAN योजना के दायरे में आने वाले किसानों को हर साल सीधे 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद तीन किश्तों में दी जाती है। 1 दिसंबर 2018 से लेकर 31 मार्च 2019 की समयावधि के लिए पहली किश्त का भुगतान 2018-19 में हो चुका है। वहीं, बहुत सारे किसानों को अप्रैल में दूसरी किश्त भी दी जा चुकी है
जिन 6.47 करोड़ किसानों को पहली किश्त का भुगतान हुआ, उनमें सबसे ज्यादा लाभांवित उत्तर प्रदेश के किसान थे। कुल 1.58 करोड़ यूपी के किसानों को पहली किश्त का भुगतान हुआ। यह संख्या कुल लाभांवितों का करीब 25 फीसदी बैठता है। उधर, यूपी सरकार के अधिकारियों ने बताया कि 37 लाख किसानों का पेमेंट ऑर्डर कृषि मंत्रालय को दिया जा चुका है। उनके मुताबिक, इन किसानों को अगले 2 से 3 दिन में तीसरी किश्त मिल जाएगी।

