Lok Sabha elections 2024: केंद्रीय मंत्री और अमेठी से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने एक बार फिर से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। ईरानी ने कहा कि आप सभी ने देखा होगा कि जिस दिन राहुल गांधी ने अपना नामांकन भरा, उस दिन से उन्होंने लिखकर घोषित कर दिया कि वायनाड मेरा परिवार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां तक तो ठीक था, लेकिन कर्नाटक के एक नेता भाषण दिया कि राहुल गांधी से पूछा गया कि आप वायनाड से क्यों लड़ रहे हैं तो राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड के लोग ज्यादा वफादार हैं। ईरानी ने कहा कि फिर अमेठी की जनता क्या है?
राहुल गांधी पर हमलावर होते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि 15 साल हमने निकम्मे सांसद को ढोया, जिसने काम नहीं किया, जो जीतने के बाद भी गायब रहा और अब अमेठी की वफादारी पर ये तोहमत लगाते हैं। ईरानी ने कहा कि इन 15 सालों में आप लोगों का भी समर्थन रहा था, आप सभी ने वफादारी निभाई थी। परिवार माना था।
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि मैंने लोगों को रंग बदलते हुए देखा है, परिवार बदलते हुए पहली बार राहुल गांधी को देखा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्या कोई अपना परिवार बदलता है। उन्होंने कहा कि इसलिए आप लोगों से कहने आई हूं कि गांव-गांव, घर-घर जो काम हुआ है, उसी आधार पर कहती हूं कि कमल का फूल खिलेगा।
ऐसे में आइए जानते हैं अमेठी लोकसभा सीट से कौन-कितनी बार जीता।
साल | प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट |
2019 | स्मृति ईरानी | बीजेपी | 468514 |
2014 | राहुल गांधी | कांग्रेस | 408651 |
2009 | राहुल गांधी | कांग्रेस | 464195 |
2004 | राहुल गांधी | कांग्रेस | 390179 |
1999 | सोनिया गांधी | कांग्रेस | 418960 |
1998 | संजय सिंह | बीजेपी | 205025 |
1996 | सतीश शर्मा | कांग्रेस | 157868 |
1991 | राजीव गांधी | कांग्रेस | 187138 |
1989 | राजीव गांधी | कांग्रेस | 271407 |
1984 | राजीव गांधी | कांग्रेस | 365041 |
1980 | संजय गांधी | INC(I) | 186990 |
1977 | रविंद्र प्रताप सिंह | BLD | 176410 |
1971 | विध्याधर बाजपेई | कांग्रेस | 96312 |
बता दें, चुनाव चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा का अमेठी की सीट हमेशा से हॉट रही है। इसकी बड़ी वजह यहां से गांधी-नेहरू परिवार का नाता रही है। अमेठी में अब तक गांधी परिवार के चार लोग चुनाव हार चुके हैं। दो गांधी चुनाव हारने के बाद अमेठी लौट नहीं सके थे, लेकिन संजय गांधी पहला चुनाव हारने के बाद भी अमेठी से लड़े और जीते।
1977 में संजय गांधी अमेठी से पहला चुनाव लड़े
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी 1977 में अमेठी से पहला चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। संजय गांधी को चुनाव हराने वाले जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह थे। अमेठी में संजय गांधी, मेनका गांधी, राजमोहन गांधी और राहुल गांधी चुनाव हार चुके हैं। संजय गांधी, मेनका गांधी और राजमोहन गांधी पहला चुनाव हारे थे। लेकिन राहुल गांधी अमेठी में तीन बार सांसद चुने जाने के बाद चौथा चुनाव हारे थे।
1984 के लोकसभा चुनाव में राजीव और मेनका आमने-सामने थे
राहुल गांधी कांग्रेस का चेहरा हैं, लेकिन स्मृति ईरानी 2019 के चुनाव में हराकर राहुल गांधी को वापस भेज चुकी है। 1977 में हारने वाले संजय गांधी 1980 के लोकसभा चुनाव में अमेठी के सांसद चुन लिए गए थे। 1984 के लोकसभा चुनाव में एक ही आंगन के दो गांधी आमने-सामने थे। इस चुनाव में इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी और छोटी बहू मेनका गांधी आमने-सामने हो गए थे। मेनका गांधी चुनाव हार गई थीं। उसके बाद मेनका गांधी अमेठी लौटी नहीं।
2019 में स्मृति से हारे राहुल गांधी
अमेठी में चुनाव हारने वाले तीसरे गांधी महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी रहे। 1984 के बाद 1989 में भी अमेठी लोकसभा क्षेत्र में दो गांधी ही आमने-सामने थे। इस चुनाव में राजीव गांधी के सामने जनता दल से राजमोहन गांधी थे, जो हार गए थे। अमेठी में चुनाव हारने वाले चौथे गांधी राहुल गांधी 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से हारे। 2014 में उन्होंने स्मृति को हराया था।
2024 में बीजेपी ने एक बार फिर अमेठी से स्मृति ईरानी को उतारा
2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी में तीसरी बार भाजपा की उम्मीदवार बनाई गई हैं। कांग्रेस अब तक अमेठी में उम्मीदवार का ऐलान नहीं कर पाई है। उम्मीदवार न आने से कांग्रेस के समर्थक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। स्मृति ईरानी ने 2014 का पहला चुनाव हारने के बाद अमेठी में किराए का घर ले लिया था और लगातार क्षेत्र में रहती और जाती रहती थीं। दूसरी ओर राहुल गांधी की हार के बाद वहां उनका कार्यालय बंद कर दिया गया था और उनकी टीम भी दिल्ली बुला ली गई थी।