US Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप को उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘आपके ऐतिहासिक जीत पर शुभकामनाएं मेरे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप। जैसाकि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी में हमारा सहयोग फिर नया होगा। हमारे लोगों की बेहतरी के लिए और वैश्चिक शांति,स्थिरता और समृद्धि के लिए आइए साथ मिलकर काम करते हैं।’
अगर प्रधानमंत्री पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात की बात करें तो अपने पिछले कार्यकाल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से तीन बार मुलाकात की थी। जबकि दो मुलाकत होने से रह गईं थीं। आइए ऐसे में जानते हैं पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच की वो बातें जो आपको भी जानना जरूरी हैं।
1 जून 2017: मोदी की वाशिंगटन डीसी यात्रा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2017 में पहली बार वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने आतंकवाद से मिलकर लड़ने की कसम खाई थी। साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी भी दी थी। मीडिया के सामने एक-दूसरे को गले लगाने वाले दोनों नेताओं ने अपने देशों के मधुर संबंधों की भी प्रशंसा की। उन्होंने व्यापार संबंधों और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
दरअसल, मोदी, ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में डिनर करने वाले पहले विदेशी गणमान्य व्यक्ति भी थे। पाकिस्तान और आतंकवाद पर ट्रंप प्रशासन के कड़े शब्दों को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा गया था। व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध कभी इतने मजबूत या इतने बेहतर नहीं रहे। उन्होंने खुद को और मोदी को “सोशल मीडिया में विश्व नेता” बताया।
मोदी ने कहा कि अमेरिका भारत के सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए उसका “प्राथमिक साझेदार” है और “नए भारत” के लिए उनकी योजना ट्रंप के “अमेरिका को फिर से महान बनाने के दृष्टिकोण” से मेल खाती है। व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप और उनके परिवार को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया।
2 सितंबर 2019: ह्यूस्टन, टेक्सास में हाउडी मोदी
पीएम मोदी ने 2019 में ह्यूस्टन में आयोजित “हाउडी मोदी” रैली में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को आमंत्रित किया था, जिसमें 50,000 लोग शामिल हुए थे। इस रैली में पीएम मोदी ने “अब की बार, ट्रंप सरकार” का नारा देकर ट्रंप के फिर से चुनाव जीतने की कोशिश का खुलकर समर्थन किया था, जिसकी कुछ आलोचना भी हुई थी। हालांकि, हाउडी मोदी को अमेरिका में किसी विदेशी नेता के सबसे बड़े स्वागत समारोहों में से एक बताया गया।
ट्रंप ने कहा, “मैं अमेरिका के सबसे महान, सबसे समर्पित और सबसे वफादार दोस्तों में से एक, भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ टेक्सास में आकर बहुत रोमांचित हूं।” अपने भाषण में मोदी ने कहा कि व्हाइट हाउस में भारत का एक “सच्चा दोस्त” है, उन्होंने ट्रंप को “गर्मजोशी से भरा, दोस्ताना, सुलभ, ऊर्जावान और बुद्धि से भरा” बताया। मोदी ने कहा, “सीईओ से लेकर कमांडर-इन-चीफ तक, बोर्डरूम से लेकर ओवल ऑफिस तक, स्टूडियो से लेकर वैश्विक मंच तक… उन्होंने हर जगह एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।”
यह यात्रा कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के ठीक एक महीने बाद हुई। मोदी ने जब कश्मीर से सभी स्वायत्तता हटाने का फैसला किया, तो ट्रंप पहली पंक्ति में बैठे थे, क्योंकि मोदी ने जयकारे लगाती भीड़ से कहा था कि कश्मीर से सभी स्वायत्तता हटाने का उनका फैसला वहां के लोगों के लिए प्रगति और बेहतर अधिकार लाएगा। उसी साल ओवल ऑफिस में तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ एक पिछली बैठक के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर विवाद में मध्यस्थता करने का अनुरोध किया था। नई दिल्ली को ट्रंप के बयान का सार्वजनिक रूप से खंडन करना पड़ा था।
3 फरवरी 2020: भारत में नमस्ते ट्रम्प
हाउडी मोदी कार्यक्रम के बाद ट्रंप की 2020 की भारत यात्रा हुई। जहां उनका स्वागत अहमदाबाद में पीएम मोदी द्वारा आयोजित “नमस्ते ट्रंप” रैली के साथ किया गया, जिसमें 100,000 लोग नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में एकत्रित हुए, जिसका नाम बाद में मोदी के नाम पर रखा गया। नमस्ते ट्रंप तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार की भारत की पहली यात्रा थी।
रैली में भीड़ ने अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए कार्डबोर्ड ट्रम्प मास्क और “नमस्ते ट्रम्प” टोपी पहनी थी। ट्रम्प ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा था कि आपने हमारे देश को बहुत सम्मान दिया है। हम आपको हमेशा याद रखेंगे, इस दिन से भारत हमेशा हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखेगा। रैली में मोदी ने कहा था कि हमारे बीच बहुत कुछ साझा है, साझा मूल्य और आदर्श … साझा अवसर और चुनौतियां, साझा आशाएँ और आकांक्षाएँ।।
ट्रम्प ने कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान स्वामी विवेकानंद का भी उल्लेख किया था। ट्रंप ने कहा था कि जैसा कि महान धार्मिक स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि जिस क्षण मैं प्रत्येक मनुष्य के सामने श्रद्धा से खड़ा होता हूं और उसमें ईश्वर को देखता हूं, उसी क्षण मैं मुक्त हो जाता हूं। बता दें, ट्रंप और मोदी की मुलाकात दो बार और भी हो सकती थी। लेकिन विभिन्न कारणों से ये मुलाकातें रद्द हो गईं।
2019 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण
2019 के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया गया था। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति भारत में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि नहीं बन सके। तब व्हाइट हाउस ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 26 जनवरी, 2019 को भारत के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बनने के लिए दिए गए निमंत्रण से सम्मानित किया गया, लेकिन शेड्यूल की कमी के कारण वे इसमें भाग नहीं ले पाएंगे।
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अमेरिका ने कहा कि राष्ट्रपति का प्रधानमंत्री मोदी के साथ मजबूत व्यक्तिगत संबंध है, जो दो बैठकों और कई फोन कॉल के माध्यम से विकसित हुआ है और वह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति जल्द से जल्द प्रधानमंत्री मोदी से फिर से मिलने के लिए बहुत उत्सुक हैं।
ट्रम्प ने इस साल की शुरुआत में मोदी से मुलाकात के दिए थे संकेत
इस साल सितंबर में, अपने पुनर्निर्वाचन से पहले जब पीएम मोदी भविष्य के शिखर सम्मेलन और न्यूयॉर्क में एक बड़े प्रवासी कार्यक्रम के लिए अमेरिका जाने वाले थे, तब रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले उनकी प्रशंसा की और उन्हें एक “शानदार” नेता कहा। भले ही ट्रंप ने संभावित बैठक का संकेत दिया हो, लेकिन भारतीय पक्ष ने अमेरिकी राजनीति के पिछले अनुभव के आधार पर सावधानी बरतने का फैसला किया। 2019 में ट्रंप के अंतिम पुनर्निर्वाचन प्रयास से पहले मोदी द्वारा खुले तौर पर समर्थन किए जाने कई बार आलोचना हुई थी। इस बार भारत ने मोदी को राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों ट्रंप और कमला हैरिस किसी से भी मिलने से दूर रखा।
(दिव्या ए)