आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ यूपीएससी ने एफआईआर दर्ज करवाई है। पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी से लाभ उठाने का आरोप लगा है। आयोग ने उनका चयन रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं से वंचित करने के लिए उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ये एफआईआर दर्ज की है। यूपीएससी ने कहा कि उसने जांच की और पाया कि पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया है।
जानें UPSC ने क्या कहा?
यूपीएससी ने एक प्रेस बयान में कहा, “यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के व्यवहार की जांच की है। इस जांच से यह पता चला है कि उन्होंने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयास का धोखाधड़ी से लाभ उठाया।”
बयान में आगे कहा गया, “इसलिए यूपीएससी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की शुरू की है, जिसमें पुलिस अधिकारियों के साथ एफआईआर दर्ज करके आपराधिक अभियोजन शामिल है और सिविल सेवा की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस (SCN) जारी किया है। उन्हें सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से वंचित किया जाएगा।”
पूजा खेडकर पर है ये आरोप
जून 2024 में ट्रेनी के रूप में पुणे कलेक्टरेट में शामिल हुईं 32 वर्षीय पूजा खेडकर पर यूपीएसई सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (PWBD) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) ने पूजा के ‘जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम’ को रोक दिया और उन्हें वाशिम से अकादमी में वापस बुला लिया।
पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा खेडकर की मांगों को लेकर एक रिपोर्ट पेश की थी और इसके कारण पूरा मामला शुरू हुआ। इसी कारण अब पूजा का करियर भी खतरे में है। अब पूजा पर आपराधिक मुकदमा भी चलेगा। जून 2023 की एक घटना को लेकर पुलिस ने पूजा खेडकर की मां और पिता पर भी मामला दर्ज किया है।