राम मंदिर जमीन विवाद में जिन दो प्रॉपर्टी डीलरों को करोड़ों का मुनाफा हुआ है उनके नाम सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी हैं। सुल्तान अंसारी अयोध्या के बहुत बड़े प्रॉपर्टी डीलर हैं और रवि मोहन तिवारी उनके पार्टनर हैं। गौरतलब है कि सुल्तान अंसारी राजनीति की दुनिया में भी अपनी किस्तम आजमा चुके हैं और वे अयोध्या नगर निगम चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ चुके हैं।

दरअसल, जमीन की कीमत 5 करोड़ से ऊपर होने के बावजूद इन दो प्रॉपर्टी डीलर ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से जमीन 2 करोड़ में खरीदी और बाद में इसे राम मंदिर ट्रस्ट को साढ़े 18 करोड़ में बेची। खास बात ये है कि जिन दो लोगों को गवाह बनाकर ये सौदा हुआ था वे अनिल मिश्र और ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इन्हीं दो लोगों को गवाह बनाकर राम मंदिर ट्रस्ट ने सुल्तान अंसारी और उसके पार्टनर से जमीन खरीदी। हैरान कर देने वाली बात ये है कि सुल्तान अंसारी और उनके पार्टनर ने 10 मिनट में राम मंदिर जमीन खरीद उसे करोड़ों का मुनाफा कमाते हुए ट्रस्ट को बेचा।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ‘घोटाले’ पर जवाब देना चाहिए तथा उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच होनी चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।’’

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं। दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पांच मिनट में 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी।’’