उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस स्टेशनों पर जल्द ही गूगल पर पिछले तीन सालों का ब्यौरा दर्ज होगा और अगले माह की पहली अप्रैल से अब ‘प्रिवेंटिव पुलिसिंग’ के लिए गूगल का सहारा लिया जाएगा।
आइजी पीएसी (पूर्वी जोन) आशुतोष पांडे और कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक जकी अहमद ने मंगलवार एक पत्रकार वार्ता में बताया कि गूगल के सहारे प्रिवेंटिव पुलिसिंग की शुरूआत कानपुर जोन के नौ जिलों – कानपुर शहर, कन्नौज, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, झांसी, ललितपुर, मैनपुरी, जालौन तथा इटावा के सभी 176 पुलिस स्टेशनों में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से हो रही है। अब इसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाना है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए अलग अलग जोन में जाकर वहां के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को इसी माह प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा एक अप्रैल से वेब बेस्ड क्राइम मैपिंग का काम शुरू हो जाएगा । इसके लिए प्रत्येक थाने के एक एक युवा पुलिसकर्मी को इस बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी और वह अपने अपने पुलिस स्टेशनों कंप्यूटर में आजकल डाटा फीडिंग का काम करेंगे और पिछले पांच साल में उनके जिले में हुए अपराधों का ब्यौरा गूगल पर डालेंगे ।
पांडे के अनुसार अभी तक पुलिस ‘रिएक्टिंग पुलिसिंग’ करती रही है और कोई अपराध या घटना हो जाने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचती है और मामले की जांच पड़ताल कर अपराधियों तक पहुंचती है । प्रिवेंटिव पुलिसिंग की शुरूआत एक अप्रैल से हो रही है ताकि अपराध से पहले या अपराध करने के बाद अपराधी तुरंत पुलिस की गिरफ्त में हो।
उन्होंने बताया कि गूगल मैप पर डाले गए डाटा में अपराध क्या था, किसने किया था, कब किया था तथा वर्तमान समय मे उस मामले की स्थिति क्या है अपराधी कौन थे और क्या पकड़े गये थे या अभी तक फरार है सारी जानकारी उपलब्ध होगी । किसी शहर का नाम गूगल मैप पर डालने के साथ ही शहर में इलाके के अनुसार अपराध खुद ब खुद सामने आ जाएंगे और यह पता चल जाएगा कि किस इलाके में कौन सा अपराध ज्यादा हो रहा है। पांडे ने बताया कि जहां अपराध ज्यादा हो रहा है, वहां पुलिस की टुकड़ियां और पिकेट तैनात की जाएगी।
UP के अपराधों का ब्योरा अब Google पर
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती प्रेस से जुड़ी है। उन्होंने भारतीय पत्रकार करुण मिश्रा की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व में कहीं भी जब कभी किसी पत्रकार की हत्या होती है और प्रेस को चुप कराया जाता है तो कानून व्यवस्था और लोकतंत्र कमजोर हो जाते हैं।
Written by एजंसी
कानपुर

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First published on: 09-03-2016 at 01:40 IST