यूपी के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई रेप और हत्या के मामले में दंगों की साजिश रचने के आरोप में उत्तरप्रदेश पुलिस ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर UAPA के तहत चार्जशीट दायर किया है। हाथरस मामले की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने कोर्ट को 5 हजार पेज की चार्जशीट सौंपी है। इस चार्जशीट में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के अलावा छह और लोगों का नाम शामिल है।
उत्तरप्रदेश पुलिस की ओर से दायर की गई चार्जशीट में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी हाथरस में दंगा भड़काना चाहते थे और उसकी साजिश रच रहे थे। चार्जशीट के अनुसार सिद्दीकी कप्पन ने ही दंगों की साजिश रची थी और पीएफआई मेंबर रउफ शरीफ इन दंगों की फंडिंग के लिए काम कर रहा था। चार्जशीट में कप्पन सिद्दीकी और रउफ शरीफ के अलावा अतीकुर्रहमान, असद बदरुद्दीन, फिरोज, दानिश, मसूद अहमद का नाम शामिल है।
चार्जशीट दायर होने के बाद आरोपियों के वकील मधुवन चतुर्वेदी ने कहा कि हमें अभी तक चार्जशीट की कॉपी नहीं मिली है। जैसे ही हमें कॉपी मिलती है तो हम उसको देखेंगे और फिर आगे की कार्रवाई करेंगे। दिल्ली में रहने वाले सिद्दीकी कप्पन मलयालम पोर्टल अजीमुखम के लिए काम करते थे। कप्पन केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के सचिव भी थे। पुलिस ने कप्पन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था और राजद्रोह के आरोप भी लगाए थे।
पिछले साल मूल रूप से केरल के रहने वाले पत्रकार सिद्दीकी कप्पन दलित लड़की के साथ हुई रेप की वारदात के बाद घटना को रिपोर्ट करने के लिए हाथरस जा रहे थे। तभी मथुरा में ही यूपी पुलिस ने सिद्दीकी कप्पन और उनके साथियों को आतंकवाद निरोधी कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने कहा था कि ये लोग हाथरस में दंगा फ़ैलाने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही पुलिस ने यह भी कहा था कि गिरफ्तार किए गए आरोपी प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के सदस्य हैं।
बता दें कि हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई बलात्कार की घटना के बाद उत्तरप्रदेश सरकार की खूब आलोचना की गई थी। उत्तरप्रदेश शासन ने हाथरस मामले में बेहद ही असंवेदनशील तरीके से कार्रवाई की थी। जब हाथरस पीड़िता की मौत दिल्ली के अस्पताल में हो गई थी तो पुलिस ने परिवारवालों को बिना बताए ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। इतना ही नहीं जब विपक्षी दलों के कई नेता पीड़िता के परिवार वालों से मिलने जा रहे थे तो उनके साथ भी मारपीट की गई थी।