उत्तर प्रदेश में बलिया से BJP विधायक ने कहा है कि बलात्कार की घटनाएं सिर्फ संस्कार से रुक सकती हैं। ये शासन और तलवार से नहीं रुकने वाली हैं। लोगों को अपनी जवान बेटियों को इसके लिए संस्कारी बनाना चाहिए। उन्हें अच्छे संस्कार सिखाने चाहिए।
भाजपा विधायक का यह बयान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तब आया, जब उनसे हाथरस में हुई कथित तौर पर गैंगरेप की घटना को लेकर सवाल हुआ था। उन्होंने मीडिया को बताया, “विधायक के साथ-साथ मैं एक शिक्षक भी हूं। ये घटनाएं संस्कार से ही रुक सकती हैं। ये सब शासन और तलवार से रुकने वाली नहीं हैं।”
बकौल सिंह, “सभी माताओं-पिताओं का धर्म हैं कि वे अपनी जवान और युवा बेटियों को एक संस्कारी वातावरण में रहने, चलने और व्यवहार करने का एक शालीन प्रस्तुत करना चाहिए। उन्हें ये तरीका सीखना और सिखाना चाहिए। सब उनका धर्म है। मेरा भी धर्म है। सरकार का भी धर्म है, पर परिवार का भी धर्म है।”
देखें, VIDEO:
Surendra Singh, BJP MLA from Ballia says rapes can stop if parents give their daughters good values. I think a better solution would be for parents to teach their daughters to KICK BJP THE HELL OUT! What misogynist, sick degenerates! #Hathras
pic.twitter.com/GxnSWIc2ob— Sania Ahmad (@SaniaAhmad1111) October 3, 2020
उनके मुताबिक, “जहां सरकार का रक्षा करने का धर्म है। वहां परिवार का भी धर्म है कि वह अपने बच्चों में संस्कार डाले। सरकार और संस्कार मिलकर भारत को सुंदर रूप दे सकते हैं। अन्यथा कोई दूसरी विधा सामने आने वाली नहीं है।”
सिंह की इस टिप्पणी पर बीजेपी नेता शांत प्रकाश ने उनका बचाव किया है। उन्होंने ‘NDTV’ पर एक डिबेट शो के दौरान कहा, “बच्चों को संस्कार देना अगर एक अध्यापक और परिवार इसे सुनिश्चित करता है…एक दूसरे का सम्मान करने का संस्कार, सुरक्षा का संस्कार, नियमित जीवन जीना है…इन सब चीजों को संस्कार के तौर पर कहा है, तो इसमें क्या बुराई है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या ये संस्कार सिर्फ लड़कियों के लिए है? उन्होंने जवाब दिया, “संस्कार एक शिक्षा है। ये सबके लिए जरूरी है। बालकों के लिए भी। ये देना मां-बाप का नैतिक फर्ज हैं और ये दोनों (बेटा हो या बेटी) को ही मिलने चाहिए।”
हालांकि, Congress प्रवक्ता ऐश्वर्य महादेव ने इस बाबत बीजेपी को घेरा। कहा, “ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि असल मुद्दों पर बीजेपी बात ही नहीं कर रही है। अब वह संस्कार का आइडिया लेकर आ गई है। संस्कार एक सम्मान भी होता है। जब आप सवालों के घेरे में होते हैं, तब आप विपक्ष पर अंगुलियां नहीं उठा सकते हैं।”