उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 36 सीटों में से 27 पर शनिवार को मतदान समाप्त हो गये हैं। इसके नतीजे 12 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे। वहीं मऊ विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने इस चुनाव में अपना वोट नहीं डाला। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सुभासपा का समाजवादी पार्टी से गठबंधन हुआ है।

बता दें कि आजमगढ़-मऊ एमएलसी सीट पर सपा के राजेश यादव गुड्डू मैदान में हैं। ऐसे में अब्बास अंसारी का वोट ना डालना सवाल खड़े कर रहा है कि क्या अब्बास अंसारी सपा के प्रत्याशी को वोट नहीं देना चाह रहे थे? तय है कि उनके वोट ना डालने से सपा प्रत्याशी को नुकसान होगा। बता दें कि अब्बास अंसारी के अलावा घोसी से बसपा सांसद अतुल राय ने भी मतदान नही किया। इस वक्त वो जेल में हैं।

आजमगढ़-मऊ में कुल 98.42 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट पर प्रत्याशियों की बात करें तो भाजपा ने इस क्षेत्र से सपा के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुण कुमार यादव को उतारा है। आजमगढ़ में रमाकांत यादव का काफी दबदबा माना जाता है। वो सपा के अलावा बसपा, भाजपा और कांग्रेस में रह चुके हैं।

वहीं सपा ने इस सीट से राकेश कुमार यादव गुड्डू को खड़ा किया है। सपा और सुभासपा के गठबंधन के चलते अब्बास अंसारी का वोट काफी अहम माना जा रहा था। उनके वोट ना डालने से सपा को ही नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशू भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। बता दें कि यशवंत सिंह भाजपा के एमएलसी भी रहे हैं।

अब्बास अंसारी का विवादित बयान रहा चर्चा में: यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान अब्बास अंसारी का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव का नाम लेकर कहा था कि भैया से बात हुई है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर यहां के अधिकारियों का ट्रांसफर छह महीने तक नहीं होगा। पहले सभी का हिसाब-किताब होगा। इस बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए उनके चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी।

एमएलसी चुनाव में सीएम योगी को जीत का विश्वास: सीएम योगी ने एमएलसी चुनाव में जीत का दावा करते हुए कहा है कि एक लगभग 4 दशक के बाद किसी सत्तारूढ़ दल को विधान परिषद में बहुमत मिलेगा। उन्होंने कहा कि यूपी में लोककल्याणकारी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए राज्य के दोनों सदनों में एक पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलना जरूरी है।