जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में गुरुवार सुबह एक प्रवासी मजदूर पर आतंकवादियों ने हमला किया। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शुभम कुमार को बटागुंड गांव में गोली मारी गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। गोली उनके हाथ में लगी और उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। पिछले एक हफ्ते में कश्मीर में यह तीसरा हमला है जिसमें प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी की सरकार बनी है। उमर के सत्ता संभालते ही एक हफ्ते में यह तीसरा हमला है।

रविवार को गांदरबल जिले में हुए हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी

इससे पहले रविवार को गांदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकी हमले में छह प्रवासी मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की मौत हो गई थी। इसके अलावा, 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में बिहार के एक मजदूर की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन हमलों ने इलाके में आतंक का माहौल बना दिया है और प्रवासी मजदूरों में डर और असुरक्षा का भाव पैदा कर दिया है।

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गांदरबल में हुए आतंकी हमले को 2019 के बाद से सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इस हमले में सात मजदूरों की मौत हो गई थी और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आतंकवादी संगठन टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है।

इस हमले का मास्टरमाइंड शेख सज्जाद गुल को बताया जा रहा है, जो वर्तमान में पाकिस्तान में छिपा हुआ है। शेख सज्जाद पर एनआईए ने 2019 में 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसके साथ तीन अन्य आतंकी भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो मिलकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

18 अक्टूबर को शोपियां जिले में आतंकियों ने बिहार के रहने वाले एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस तरह के लगातार हो रहे हमलों से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। सुरक्षा बल इन हमलों के बाद आतंकवादियों की तलाश में जुटे हैं, लेकिन आतंकियों के फरार होने के कारण उन्हें पकड़ना मुश्किल साबित हो रहा है।