केंद्र द्वारा संशोधित नागरिकता अधिनियम को अधिसूचित किए जाने के दो दिन बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार में एक मंत्री ने दावा किया है कि “राज्य के 21 जिलों में 32,000 से अधिक शरणार्थियों की पहचान की गई है।” श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सीएए के लिए अधिसूचना के बाद राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेटों को डेटा एकत्र करने के लिए कहा गया है। पीटीआई ने शर्मा के हवाले से कहा, “पहली सूची में राज्य के 21 जिलों में 32,000 से अधिक शरणार्थियों की पहचान की गई है। अभी और पहचान की कवायद चल रही है।”
शरणार्थी पाकिस्तान, अफगानिस्ता और बांग्लादेश के हैं : हालांकि शरणार्थियों की पहचान एक गैर सरकारी संगठन नागरिक अधिकार मंच द्वारा की गई है। एनजीओ ने 116 पन्नों की एक रिपोर्ट “उत्तर प्रदेश में पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती” शीर्षक से पेश की। इसे राज्य और केंद्र सरकार को भेजा गया है। पीटीआई ने गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा, हमें “नागरिक अधिकार मंच की रिपोर्ट मिली है।”
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पीलीभीत में शरणार्थियों की संख्या ज्यादा : शर्मा ने दावा किया कि शरणार्थी अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैं, जो सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, प्रतापगढ़, पीलीभीत, लखनऊ, वाराणसी, बहराइच, लखीमपुर, रामपुर, मेरठ और आगरा जिलों जैसे इलाकों में रहते हैं। पीलीभीत में इन शरणार्थियों की संख्या ज्यादा है। कानून का सबसे अधिक असर उत्तर प्रदेश में देखा गया है। राज्य भर में हिंसा के दौरान कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों ने अपनी जानें गंवाई हैं।
यूपी सरकार ने हर्जाना वसूली के लिए 372 लोगों को भेजा नोटिस :सीएए के विरोध प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने हर्जाना वसूलने के लिए 372 लोगों को नोटिस थमाया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह पहली बार है जब हम चिन्हित दंगाइयों को उनके द्वारा क्षतिग्रस्त संपत्ति की कीमत की वसूली के लिए नोटिस भेज रहे हैं।

