यूपी चुनाव से पहले एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं और वह योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। न्यूज चैनल एबीपी न्यूज से ओवैसी ने बातचीत के दौरान कहा है कि उनकी पार्टी ने ये फैसला किया है कि वह यूपी की 100 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

उन्होंने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हम केवल मुसलमानों को ही टिकट देंगे, बल्कि हम सारी बिरादरी के लिए तैयार हैं। ओवैसी ने कहा कि हमारी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण से बात चल रही है। इस दौरान ओवैसी ने ओपी राजभर के रुख पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राजभर ने हमारे साथ गठबंधन क्यों तोड़ा, ये तो वही बता सकते हैं।

ऐसे में ये साफ है कि ओवैसी यूपी चुनाव से पहले नए साथियों की तलाश में हैं, जिससे योगी सरकार के खिलाफ एक मजबूत टीम खड़ी की जा सके। बीजेपी के सपोर्टर होने के आरोप पर ओवैसी ने कहा कि अगर मैं बीजेपी की बी टीम होता तो 2014, 2017 और 2019 में बीजेपी कैसे जीत गई, क्योंकि उस दौरान तो मैं यूपी में नहीं था। उन्होंने कहा कि कोई पार्टी चाहती ही नहीं है कि मुसलमानों का एक लीडर हो।

इससे पहले बुधवार को ओवैसी ने मुजफ्फरनगर में 8 साल पहले हुए दंगों को फिर से याद दिलाते हुए कहा था कि मुसलमान मुजफ्फरनगर में खून के दरिया से गुजरा है और अब कहा जाता है कि उसे भूल जाओ। मुसलमान अगर इन नाइंसाफियों को भूल गए तो उनके साथ फिर नाइंसाफी होगी। उन्होंने कहा कि जाटों ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जिताया, जब जाट चौधरी अजित सिंह को छोड़ सकते हैं तो मुसलमान पुरानी रवायत को क्यों नहीं छोड़ सकते?

बता दें कि इससे पहले ओवैसी तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद के बयान पर तंज कसा था। पाकिस्तान को क्रिकेट मैच में मिली जीत को इस्लाम की जीत बताने पर हैरानी जताते हुए ओवैसी ने पूछा था कि आखिरकार इस्लाम का क्रिकेट मैच से क्या लेना देना। उन्होंने कहा कि इन पड़ोसियों को कुछ समझ नहीं आता है, अल्लाह का शुक्र है कि हमारे बुजुर्ग नहीं गए वहां (पाकिस्तान) पर, नहीं तो इन पागलों को हमें देखना पड़ता।