पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी अब यूपी चुनाव के चलते पार्टियों के बीच बहस का मुद्दा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर तीखा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार करना अशोभनीय है। योगी सरकार पुलिस को आपस में ही लड़वा रही है। इसके जवाब में बीजेपी सरकार की ओर से कहा गया कि अखिलेश यादव द्वार अमिताभ ठाकुर का समर्थन करना शर्मनाक है। यह सपा की महिला विरोधी मानसिकता को दिखाता है।
गौरतलब है कि ये वही अमिताभ ठाकुर हैं जिनको समाजवादी पार्टी संरक्षक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने एक बार कथित तौर पर धमकाया था। बाद में यादव को मामले में क्लीन चिट मिल गयी थी। बात 10 जुलाई 2015 की है। IPS अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया था कि उन्हें मुलायम सिंह यादव ने फोन कर धमकाया और सुधर जाने की नसीहत दी। अमिताभ ने पूरी धमकी को रिकार्ड कर लिया था और सार्वजनिक भी किया था।
वायरल ऑडियो में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि पिछली बार से ज्यादा बुरी गत बनाऊंगा। सुधर जाओ। इस संबंध में तब अमिताभ ने 24 सितंबर 2015 को हजरतगंज कोताली में मुलायम के खिलाफ केस दर्ज कराया था। बाद में मुलायम सिंह ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ही अमिताभ को फोन किया था, लेकिन धमकाने की मंशा नहीं थी।
बता दें कि पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने अपनी गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के 9 अधिकारियों के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। उन्होंने परिवाद में आरोप लगाया है कि उनसे बदला लेने के इरादे से पहले तो नौकरी से निकाला गया और अब फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेज दिया गया है।
क्यों हुई गिरफ्तारी?: पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को 27 अगस्त को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। उन पर रेप के आरोपी अतुल राय को बचाने के लिए साजिश रचने का आरोप है। अतुल राय पर आरोप लगाने वाली पीड़िता ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी।
24 अगस्त को युवती की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमिताभ ठाकुर, मुख्तार अंसारी के कहने पर उसके करीबी अतुल राय को बचाने की कोशिश कर रहे थे।