उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा है जो लोग संशोधित नागरिता कानून (सीएए) के बारे में जानने के बाद भी इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वे मानसिक रोगी हैं और उन्हें अपना इलाज कराने की जरूरत है। दिल्ली के शाहीन बाग के समान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी महिलाएं सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं।

सीएए का विरोध करने वाले मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है: मौर्य ने वृन्दावन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘नागरिकता कानून का विरोध करने वाले सब कुछ जानकर भी अनजान बनने का प्रयास कर रहे हैं, या फिर उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसके लिए उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए और ठीक तरह से अपना इलाज कराना चाहिए।’’ उप मुख्यमंत्री रविवार (19 जनवरी) को यहां ब्रज के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से कराए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करने एवं बांकेबिहारी तथा अन्य मंदिरों व आश्रमों में दर्शन करने के लिए पहुंचे थे।

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जानकर भी अनजान बन रहे है लोग: हेलीकॉप्टर सेवा कंपनी पवनहंस के हेलीपैड पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में मौर्य ने कहा, ‘‘विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के लिए यहां आए हैं।’’ उन्होंने दिल्ली के समान लखनऊ में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ महिलाओं द्वारा शुक्रवार (17 जनवरी) की नमाज के बाद से बच्चों सहित धरना प्रारंभ करने के सवाल पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जो लोग सीएए कानून का विरोध कर रहे हैं, वे सब कुछ जानकर भी अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि, सब जानते हैं कि यह कानून नागरिकता छीनने का नहीं, नागरिकता देने के संबंध में बनाया गया है।’’

अच्छे डॉक्टर से मिलना चाहिए: उन्होंने आगे कहा, ‘‘वे इस प्रकार से दिखा रहे हैं कि यह कानून नागरिकता छीनने के लिए बनाया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि वे जानकर अनजान बन रहे हैं या फिर उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए उन्हें अच्छे डॉक्टर से मिलना चाहिए और भली प्रकार से इलाज कराना चाहिए।’’