उन्नाव रेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अपील दायर कि है। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में उन्नाव रेप केस में पूर्व भाजपा विधायक की उम्रकैद की सजा निलंबित करने के बाद जमानत दे दी थी। इधर इसे लेकर उन्नाव रेप पीड़िता अपने परिजनों के साथ इंडिया गेट पर धरना दे रही है।
सीबीआई ने विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। एक दिन पहले ही उन्नाव रेप पीड़िता ने कुलदीप सेंगर के खिलाफ मदद की उम्मीद लेकर विपक्ष नेता राहुल गांधी और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।
सीबीआई ने प्रवक्ता ने दी जानकारी
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, “शुक्रवार को सीबीआई ने उन्नाव रेप मामले में आरोपी कुलदीप सेंगर की सजा रद्द करने और जमानत देने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दायर की है।”
प्रवक्ता ने आगे कहा, “एसएलपी दायर करने से पहले, सीबीआई ने उन्नाव रेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेशों की स्टडी किया है।”
कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च
भारतीय युवा कांग्रेस ने शुक्रवार को रेप मामले की पीड़िता के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला और न्याय की मांग की। युवा कांग्रेस की ओर से उदय भानु चिब ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि मामले के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत दी गई है।
हाईकोर्ट सजा की थी निलंबित
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करने के बाद उसे जमानत दी है। हालांकि, सेंगर अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है। इस मामले में भी सेंगर ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 1984 के एआर अंतुले केस के ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए कुलदीप सेंगर को तकनीकी रूप से लोकसेवक मानने से इनकार कर दिया।
बता दें कि दिल्ली की एक निचली अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ रेप मामले में साल 2019 में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में साल 2017 की इस घटना ने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया था।
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