संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि कोरोना विषाणु महामारी इस साल करीब 13 करोड़ और लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है। विश्व में भुखमरी के कगार पर पहुंचे लोगों की संख्या पिछले साल करीब एक करोड़ बढ़ गई थी। यह गंभीर आकलन विश्व में खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की स्थिति के मद्देनजर हालिया रिपोर्ट में सामने आया है। इसे तैयार करने वाली यूएन की पांच एजंसियों की ओर से इस वार्षिक रिपोर्ट को सोमवार को जारी किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में उपलब्ध विश्व के आर्थिक परिदृश्य पर आधारित ये प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि महामारी के कारण साल 2020 में कुपोषण की तालिका में 8.3 करोड़ से 13.2 करोड़ अतिरिक्त लोग जुड़ सकते हैं। यूएन एजंसियों के अनुमान के मुताबिक पिछले साल करीब 69 करोड़ लोग भुखमरी की जद में रहे, जो कि पूरी दुनिया की आबादी का करीब नौ फीसद है।
2018 से इस संख्या में करीब एक करोड़, जबकि 2014 से करीब छह करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, दशकों तक लगातार गिरावट के बाद 2014 से भुखमरी के आकंड़ों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होनी शुरू हुई जोकि अब तक जारी है।
नौ राज्यों में प्रति दिन आ रहे हैं एक हजार से अधिक मामले
दो सप्ताह पहले तक देश के कुछ राज्यों से कोरोना विषाणु संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे लेकिन जुलाई महीने के शुरू होने के साथ ही अधिक संख्या में संक्रमण के मामले देने वाले राज्यों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश में नौ राज्य ऐसे हैं जिनमें प्रतिदिन एक हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें से महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में काफी दिनों से लगातार बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, जून के अंतिम सप्ताह से कर्नाटक से भी एक हजार से अधिक मामले सामने आने लगे हैं।
पिछले महीने तक जिन राज्यों से अपेक्षाकृत कम मामले सामने आ रहे थे जुलाई की शुरुआत से उनमें तेज गति से मामले सामने आ रहे हैं। तेलंगाना में दो जुलाई से, आंध्र प्रदेश में सात जुलाई से, उत्तर प्रदेश में आठ जुलाई से, पश्चिम बंगाल में 10 जुलाई से और बिहार में 13 जुलाई से लगातार एक हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
इसके अलावा कुछ राज्य ऐसे हैं जो एक हजार मामलों के बिलकुल निकट पहुंच गए हैं। इनमें गुजरात, ओड़ीशा, असम, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। इन राज्यों में प्रतिदिन संक्रमण के मामलों की संख्या पांच सौ या उससे अधिक है।