केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद भवन में स्थित अपने ऑफिस में मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक रूप से बातचीत की। हालांकि इस दौरान उन्होंने नोटिस किया कि दफ्तर में मौजूद सभी लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में उन्होंने अपने स्टाफ को कुर्सियों की व्यवस्था करने को कहा। दरअसल केंद्रीय मंत्री उस वक्त अपने दफ्तर में एक नेता की गैर मौजूदगी में कांग्रेस की दुर्दशा पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान मीडियाकर्मी दफ्तर में पहुंचे तो वहां कुर्सियों की पर्याप्त संख्या नहीं थी। इसपर उन्होंने अपने निजी स्टाफ से और कुर्सियों को प्रबंध करने को कहा।

इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के कॉलम में छपी खबर के मुताबिक वरिष्ठ भाजपा नेता ने स्टाफ से कहा, ‘गुलाम नबी आजाद के कमरे में कई कुर्सियां होनी चाहिए। प्लीज वहां से मेरे लिए कुछ कुर्सियों को प्रबंध करें।’ बता दें कि मंगलवार (30 जुलाई, 2019) देर शाम तक भाजपा राज्य सभा में तीन तलाक बिल पास करवाने में सफल रही जबकि भाजपा के पास बिल पास कराने के लिए पूर्ण बहुतम नहीं था। खास बात है कि बिल के लिए जब वोटिंग हुई तब कांग्रेस के चार सांसद भी सदन में मौजूद नहीं थे।

इस तरह मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंजूरी दे दी गई। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

इससे पहले उच्च सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया। विधेयक पर लाए गए कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के एक संशोधन को सदन ने 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया। (इनपुट सहित)