रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पाद (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी यूनिलीवर भारत में अपना माउथवॉश फॉर्मूलेशन पेश करने वाली है। कंपनी का दावा है कि इस माउथवॉश से 30 सेकेंड कुल्ला करने पर 99.9 प्रतिशत कोरोना वायरस समाप्त हो जाता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यूनिलीवर ने इस बात की पुष्टि की है, प्रयोगशाला में किये गये प्राथमिक परीक्षण बताते हैं कि सीपीसी टेक्नोलॉजी वाला उसका माउथवॉश फॉर्मूलेशन 30 सेकेंड कुल्ला करने पर कोविड-19 के लिये जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस को 99.9 प्रतिशत तक समाप्त कर देता है।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘इस तरह से यह संक्रमण को फैलने से कम करता है। प्रयोग के परिणाम से पता चलता है कि हाथ धोने, आपस में सुरक्षित दूरी बनाने तथा मास्क पहनने जैसे बचाव के उपायों में माउथवॉश भी एक अभिन्न हिस्सा बन सकता है।’’
यूनिलीवर के ओरल केयर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के प्रमुख ग्लिन रॉबर्ट्स ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि हमारा माउथवॉश कोरोना वायरस का समाधान नहीं है और यह संक्रमण को रोकने में भी साबित तौर पर प्रभावी नहीं है, लेकिन हमारे परिणाम उत्साहवर्धक हैं।’’ उन्होंने कहा, महामारी के प्रकोप को देखते हुए कंपनी को लगता है कि प्रयोगशाला में मिले परिणाम को सार्वजनिक साझा किया जाना चाहिये।
‘टीका विकसित करने में मिली सफलता से उम्मीद की किरण’: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कोविड-19 के लिए टीका विकसित करने में अब तक मिली सफलता को ‘उम्मीद की किरण’ करार दिया है। उन्होंने टीके को हर किसी तक पहुंचाने पर जोर दिया और समूह-20 देशों से कोरोना वायरस का इलाज और दवा विकसित करने में वैश्विक साझेदारी का आह्वान किया।
गुतेरस ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ कोविड-19 टीके पर हाल में मिली सफलता उम्मीद की किरण है लेकिन यह उम्मीद की किरण हर किसी तक पहुंचनी चाहिए। इसका अभिप्राय है कि वैश्विक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए टीका सुनिश्चित किया जाना चाहिए- यह सभी के लिए और हर जगह सुलभ और वहनीय हो, यह लोगों का टीका हो। यह कोई धर्मार्थ नहीं है बल्कि यह महामारी से होने वाली मौतों को रोकने और वायरस को नियंत्रित करने का तरीका है।’’
बता दें कि इस हफ्ते वैश्विक दवा कंपनियों फाइजर और बायोएनटेक ने घोषणा की थी कि उनके द्वारा विकसित संभावित कोविड-19 टीका 65 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों सहित 95 प्रतिशत तक प्रभावी है।