भारत में बेरोजगारी दर पिछले छह हफ्तों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, अगस्त के पहले हफ्ते तक बेरोजगारी दर 8.1 फीसदी पर है, जबकि 4 जुलाई को यही दर 7.3 फीसदी पर थी। 18 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में बेरोजगारी दर अपने न्यूनतम स्तर 5.98% तक भी गई, पर इसके बाद से लगातार बढ़ रही है। इस बीच भाजपा के सांसद ने अपनी ही सरकार पर तंज कसते हुए वित्त मंत्रालय में बदलाव करने की बात कह दी।
क्या बोले भाजपा सांसद?: दरअसल, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को एक यूजर ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था कि भारत में बेरोजगारी दर छह हफ्तों के उच्चतम स्तर पर है। इस पर स्वामी ने रिप्लाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व वाले मंत्रालय पर निशाना साधते हुए लिखा, “इसका इलाज सिर्फ यह है कि पूरे वित्त मंत्रालय को बेरोजगार कर दिया जाए, क्योंकि वह पहले से ही काम नहीं कर रहा।”
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क्या हैं बेरोजगारी पर CMIE के आंकड़े?: बता दें कि सीएमआईई ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक, देश में जुलाई में 1.6 करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। इनमें से ज्यादातर रोजगार कृषि और निर्माण क्षेत्रों में पैदा हुए। वहीं इसी अवधि में वेतन वाली नौकरियां 32 लाख घट गईं। संस्था के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) महेश व्यास ने अपने विश्लेषण में कहा, ‘‘जुलाई में भारत में 1.6 करोड़ रोजगार की जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई। लेकिन जुलाई में जितना भी रोजगार पैदा हुआ, उसकी ‘गुणवत्ता’ खराब थी। छोटे व्यापारी तथा दिहाड़ी मजदूर के रूप में 1.86 करोड़ अतिरिक्त लोग काम कर रहे थे।’’
वित्त मंत्री पर पहले भी निशाना साधते रहे हैं स्वामी?: बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी इससे पहले भी कई बार वित्त मंत्री पर निशाना साधते रहे हैं। इसी साल की शुरुआत में उन्होंने बजट प्रावधानों को लेकर सीतारमण को आड़े हाथों लिया था। स्वामी ने कहा था कि लोगों को इसके प्रावधान ठीस से समझ ही नहीं आए। इससे पहले जब निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 महामारी को एक्ट ऑफ गॉड करार दिया था, तो स्वामी ने तंज कसते हुए कहा था कि क्या सालाना जीडीपी रेट वित्त वर्ष 2015 के 8% से 2020 की पहली तिमाही में 3.1 फीसदी पर आ जाना भी एक्ट ऑफ गॉड है?