दुनिया के कई देश इन दिनों कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। इसी बीच ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनायी जा रही कोरोना वैक्सीन अभी तक के ट्रायल में सबसे ज्यादा असरकारक साबित हुई है। वैक्सीन के नतीजे चौंकाने वाले बताए जा रहे हैं और इससे कोरोना से बचाव के साथ ही शरीर की रोगों से लड़ने वाली प्रतिरोधक क्षमता में भी बेहतरी देखी गई है। ब्रिटेन बेस्ड मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ के एडीटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन का कहना है कि ‘यह वैक्सीन, सुरक्षित, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली और काफी असरकारक है।’ इस खबर से कोरोना माहमारी का संकट झेल रही दुनिया को बड़ी राहत मिल सकती है।
बता दें कि इस वैक्सीन को प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा AstraZeneca Plc कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस वैक्सीन की सबसे अच्छी बात ये है कि यह व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज की मात्रा को बढ़ा देती है। साथ ही यह इंसानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण T-Cells की संख्या को भी बढ़ा देती है। हालांकि यह वैक्सीन ट्रायल चरण में ही है और अभी इसके बारे में अंतिम तौर पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ट्रायल के नतीजे मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित किए गए हैं।
90 फीसदी लोग एक डोज से ही हो गए ठीकः इस वैक्सीन को ChAdOx1 nCoV-19 नाम दिया गया है। इस वैक्सीन को कोरोना वायरस जैसे दिखने वाले एक जेनेटिक वायरस से बनाया गया है। वैक्सीन के अभी तक के नतीजे कितने सकारात्मक रहे हैं, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्रायल के दौरान 90 फीसदी लोगों में वैक्सीन की एक डोज से ही एंटीबॉडी विकसित हो गई, जिन्होंने वायरस को खत्म कर दिया। सिर्फ 10 फीसदी लोगों को दूसरी डोज देनी पड़ी लेकिन दूसरी डोज के बाद इन सभी 10 फीसदी लोगों में भी एंडीबॉडीज बन गई।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी हैं?: रिसर्चर्स का कहना है कि इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी हैं लेकिन ये बहुत नगण्य हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, वैक्सीन लेने वाले 70 फीसदी लोगों को बुखार और सिरदर्द की समस्या हुई। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बड़ी समस्या नहीं है और पैरासिटामोल दवाई देकर इस समस्या से निपटा जा सकता है।
अभी और होंगे ट्रायलः बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अभी इस वैक्सीन के बड़े स्तर पर ट्रायल किए जाएंगे। ब्रिटेन में 10 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी इस वैक्सीन के ट्रायल किए जाएंगे, ताकि वैश्विक स्तर पर इस वैक्सीन के असर को मापा जा सके।
साल के अंत तक मिल सकती है वैक्सीनः माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो सकती है। ट्रायल के नतीजों से उत्साहित ब्रिटेन की सरकार ने तो इस वैक्सीन की 10 करोड़ डोज का ऑर्डर भी दे दिया है।