शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में सीएम पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में अभूतपूर्व रहा। दरअसल ऐसा पहली बार हुआ कि ठाकरे परिवार के किसी व्यक्ति ने सीएम पद की शपथ ली। शपथग्रहण समारोह के दौरान शिवाजी पार्क में शिवसैनिकों का जनसैलाब देखा गया और कार्यक्रम में विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के कई नेता मौजूद रहे। उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में जिन तीन मेहमानों की सबसे ज्यादा चर्चा हुई, वो थे भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी, राज्य के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और मनसे चीफ राज ठाकरे।

बता दें कि मुकेश अंबानी, मोदी सरकार के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में अंबानी की मौजूदगी से कई लोग आश्चर्यचकित जरुर हुए। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूद भी कई लोगों को हैरान कर गई। शिवसेना द्वारा अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनायी गई है, ऐसे में देवेंद्र फडणवीस का शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहना भी कई लोगों को आश्चर्य में डाल गया।

खास बात ये है कि जब शिवसेना और भाजपा के बीच सीएम पद के बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही थी, तब फडणवीस ही शिवसेना पर सबसे ज्यादा निशाना साध रहे थे। फडणवीस के अलावा जिस तीसरे शख्स की मौजूदगी से लोग हैरान हुए, वो थे मनसे चीफ राज ठाकरे। जब शिवसेना चीफ बाला साहब ठाकरे ने पार्टी की कमान अपने बेटे उद्धव ठाकरे को सौंपी थी, तो उससे नाराज होकर राज ठाकरे ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। दरअसल बाला साहब ठाकरे के बाद राज ठाकरे खुद को शिवसेना चीफ के तौर पर देख रहे थे। राज ठाकरे जब उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए तो उन्हें लोगों का समर्थन और हूटिंग दोनों का ही सामना करना पड़ा था।

उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह का न्योता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी दिया गया था। हालांकि सोनिया गांधी, राहुल गांधी या मनमोहन सिंह में से किसी ने भी ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। पीएम मोदी को भी समारोह में शामिल होने के लिए उद्धव ठाकरे ने खुद फोन किया था, लेकिन पीएम ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। टीएमसी चीफ ममता बनर्जी और आप अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। हालांकि कमलनाथ, एमके स्टालिन आदि नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचकर विपक्षी एकता को दिखाने की कोशिश की।