Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर अभी भी कई पेंच फंसे हुए हैं। यहां सीट शेयरिंग पर सबसे बड़ा टकराव इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच है और एक सीट पर तो यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने यह तक कह दिया कि अब सीट शेयरिंग पर बात, साल 2029 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Chunav) में होगी। कांग्रेस उद्धव गुट के इस रवैये से नाराज है।

दरअसल, शिवसेना यूबीटी ने सांगली सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है और इसको लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जारी की थी। अब आज शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कहा है कि अगली सीट-बंटवारे की बातचीत अब महाराष्ट्र में 2029 में ही होगी। उनके इस बयान का मतलब साफ है कि अब उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

कांग्रेस ने सेना (यूबीटी) द्वारा सांगली से अपना उम्मीदवार घोषित करने पर अपनी नाराजगी दर्ज की है। वहीं मुंबई में जब जिस वक्त दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा सीट पर चर्चा हो रही थी, तो उसी दौरान शिवसेना(यूबीटी) ने दावा किया है कि सांगली सीट पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इस सीट से शिवसेना यूबीटी ने चंद्रहार पाटिल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने सांगली सीट से पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते विशाल पाटिल को उम्मीदवार घोषित किया है। ऐसे में इस सीट पर गठबंधन के दोनों ही दलों के बीच फ्रैंडली फाइट देखने को मिलेगा।

BJP से भी होती थी खींचतान

ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर मचे घमासान के चलते सवाल उठ रहे हैं कि क्या इंडिया गठबंधन में सब ठीक है भी या नहीं। इसको लेकर उद्धव ठाकरे ने बयान दिया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के भीतर सीट-बंटवारे की बातचीत में कोई विवाद नहीं है। जब हम बीजेपी के साथ थे, तब भी लास्ट तक खींचतान रहती थी, लेकिन जब सेट हो जाता था तो साथ एक जुट होकर लड़ते हैं।

बीजेपी पर बोला जोरदार हमला

अपने संबोधन के दौरान उद्धव ठाकरे ने अजित पवार पर कटाक्ष किया और कहा है कि पार्टी के सभी चोरों ने अब भाजपा से हाथ मिला लिया है। इन दिनों इस (भाजपा) पार्टी के मंच पर कौन दिखाई दे रहा है? प्रफुल्ल पटेल को बीजेपी की ओर से अजित पवार, जनार्दन रेड्डी, नवीन जिंदल और सरथ रेड्डी के आरोपों का सामना करना पड़ा। उन पर आरोप किसने लगाए? अब वे कहाँ हैं? इसीलिए यह भ्रांत जनता पार्टी है।

उद्धव ठाकरे ने भले ही इंडिया गठबंधन की मजबूती का ऐलान किया हो, लेकिन उनके तेवर और सांगली सीट पर माथापच्ची से गठबंधन में एक बड़ी दरार पड़ गई है, जिसके परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं।