कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों को मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को बैठक की। बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि छात्रों की समस्याओं और परीक्षाओं के मुद्दे से केंद्र सरकार लापरवाही से निपट रही है। बैठक में नीट और जेईई परीक्षा को टालने के अलावा जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति, पर्यावरण असर आकलन (ईआईए) कानून के मसौदे, राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए राज्यों को नीट और जेईई की परीक्षा को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि केंद्र से डरना है या लड़ना है।
उद्धव ने आगे कहा कि केंद्र में भाजपा का चुनाव करने वाले लोगों ने ही हम सभी को चुना है। लेकिन अगर हम कुछ करते हैं तो वह पाप है, अगर वे कुछ भी करते हैं तो यह पुण्य (पुण्य) है? ” उन्होंने कहा कि जब उनका राज्य धीरे-धीरे लॉकडाउन खोल रहा है, तभी भी स्कूलों को बंद रखा गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने परीक्षा को टालने के लिए तीन बार पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा था। कैप्टन सिंह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी के विचार का समर्थन करता हूं कि हमें सामूहिक रूप से फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए।” वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहिए। इस पर, ममता बनर्जी ने कहा: “हम पीएम से मिल सकते हैं लेकिन अगर वह नहीं सुनते हैं तो हमें सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए।”
बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के चार मुख्यमंत्री पंजाब से अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल, राजस्थान के अशोक गहलोत और पुड्डुचेरी से वी. नारायणसामी शामिल हुए। वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में विपक्ष इस समय कमजोर नजर आ रहा है लेकिन विपक्ष को एकजुट होकर केन्द्र की ‘गलत’ नीतियों का विरोध करना होगा। सोरेन ने आरोप लगाया, ‘‘केन्द्र सरकार की अनेक नीतियों में विपक्ष की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव स्पष्ट दिखता है। लेकिन विपक्ष फिलहाल देश में कमजोर दिख रहा है।
हमें एकजुट होकर केन्द्र की गलत नीतियों का विरोध करना होगा।’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नाम पर लाभ में चल रही देश की बड़ी कंपनियों जैसे गेल, भेल, एनटीपीसी आदि के निजीकरण की तैयारी चल रही है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि रेलवे तक के निजीकरण का प्रयास चल रहा है। इसका विपक्ष को पुरजोर विरोध करना होगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी।