महाराष्ट्र में दलों का राजनीतिक बदलाव और गठबंधन के नए दौर से उद्धव ठाकरे के लिए संकट बढ़ सकता है। हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच दिल्ली में बातचीत हुई। इससे कई तरह के संकेत सामने आए हैं। राज ठाकरे ने दिल्ली में पहले बीजेपी नेता विनोद तावड़े और फिर गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की थी। लोकसभा चुनाव के बाद इस साल के अंत में महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव भी होना है।
एमएनएस महायुति में नया गठबंधन भागीदार बनने जा रहा है
इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने पिछले गुरुवार को मुंबई के एक पांच सितारा होटल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ बैठक की। बैठक का घोषित उद्देश्य सीट-बंटवारे और अभियान योजनाओं से संबंधित विवरणों पर चर्चा करना था क्योंकि एमएनएस महायुति में नया गठबंधन भागीदार बनने जा रहा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ विलय होने की संभावना है। ऐसा होता है तो उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अमित शाह से मुलाकात में भी सकारात्मक संकेत दिखे थे
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने कहा, ”सीट-बंटवारे और गठबंधन से जुड़ा अंतिम फैसला एक-दो दिनों में पता चल जाएगा।” राज ठाकरे की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में एमएनएस और बीजेपी गठबंधन की रूपरेखा तैयार की गई। एमएनएस नेता और लोकसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवार बाला नंदगांवकर ने दिल्ली में हुई बैठक को ‘सकारात्मक’ बताया था।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “राज ठाकरे और शिंदे और फड़नवीस के बीच आज की बैठक आगामी चुनावों में एमएनएस की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करने के लिए थी।”
एमएनएस ने दो प्रमुख लोकसभा क्षेत्रों- मुंबई दक्षिण और शिरडी की मांग की है। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों पर शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना दावा कर रही है। इससे पहले बीजेपी ने एमएनएस को बता दिया है कि वह सुनिश्चित करेगी कि उनकी पार्टी को कम से कम एक प्रमुख लोकसभा सीट मिले। लेकिन दो सीटें आवंटित करना मुश्किल होगा।
ऐसा कहा जाता है कि शिंदे और फड़नवीस अपनी ओर से एमएनएस को दूसरी लोकसभा सीट पर जोर न देने के लिए मना रहे हैं। इसके बजाय वे विधानसभा चुनावों में एमएनएस की चिंताओं को समायोजित करेंगे। विधानसभा की 288 सीटों के लिए इस साल अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने हैं।