मस्जिदों में अजान और मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ को लेकर राजनीतिक विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क से लेकर सियासी दलों के दफ्तरों तक में यह मुद्दा गरमाया हुआ है। टेलीविजन चैनलों पर इसको लेकर जोरदार बहसबाजी जारी है। न्यूज-18 पर एंकर अमीश देवगन के साथ डिबेट में कांग्रेस के प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पूछा कि जब फडणवीस सीएम थे तो क्या अजान बंद हो गई थी? भाजपा की जहां-जहां सरकार है क्या वहां अजान बंद हो गई है। क्या वहां अजान नहीं हो रही है। क्या वे मुसलमान हो गए, क्या वे मौलाना हो गए, क्या वे इमाम हो गए?

इस पर एंकर अमीश देवगन ने कहा कि पहले यह बताइए कि देश में ऐसा कौन सा राज्य, जहां पर हनुमान चालीसा, सुंदर कांड, गीता पढ़ने पर देशद्रोह लगने का कानून हो। भाजपा छोड़िए, दूसरे दलों की सरकार वाले राज्य बताइए जहां ऐसा कानून हो। तमिलनाडु से कश्मीर तक घूम लीजिए। कोई ऐसा राज्य बताइए जहां यह कानून हो।

भाजपा प्रवक्ता मोहित कम्बोज ने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि मंदिर में जाने से पहले पुजारी से परमीशन लेनी पड़ती है। मुझे तो ऐसा कोई मंदिर नहीं मालूम जहां पंडित से पूछना पड़ता हो कि पंडित जी दर्शन करने आएं कि नहीं आएं। मुझे तो कोई मंदिर मालूम नहीं देशभर में यह तो आचार्य जी को ही मालूम होगा। अभी आपने पंडित जी से उद्धव ठाकरे जी की तुलना की। उसको समझिए।

देखिए 2019 के बाद जब उद्धव ठाकरे सेक्युलर हो गए अपनी आइडियोलॉजी छोड़कर अब वे पंडित नहीं रहे, अब वे इमाम हो चुके हैं, इसके लिए अब वे हनुमान चालीसा के ऊपर देशद्रोह लगवाते हैं। अगर वे पंडित होते तो यह सब नहीं करते। तब वे देशद्रोह नहीं लगवाते। अब वे पंडित नहीं रहे।

इस पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम जोरदार ठहाका लगाकर बोले कि यह तो मैं पहले से ही कह रहा हूं कि अभी भाजपा वाले आरोप लगाएंगे कि उद्धव ठाकरे अब नमाज पढ़ते हैं।

उधर, निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा 29 अप्रैल को मुंबई की एक सत्र अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई किए जाने तक जेल में रहेंगे। अदालत ने मंगलवार को मुंबई पुलिस से जेल में बंद दंपति की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को जवाब दाखिल करने को कहा।

राणा दंपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह और समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। जमानत की मांग करते हुए दंपति ने सोमवार को अदालत का रुख किया था।