प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी से करने वाली किताब ‘‘आज का शिवाजी: नरेंद्र मोदी’’पर महाराष्ट्र की राजनीति गरम हो गई है। इस पर तंज सकते हुए शिवसेना ने सामना के संपादकिय में लिखा है कि पीएम मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी से करना ‘पाखंड और चाटुकारिता’ की हद है। वहीं इस पर पलटवार करते हुए शिवाजी के वंशज व पूर्व सांसद उदयनराजे भोसले ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता मूर्ख नहीं है। खुद को शिवसेना कहने के बजाय उन्हें ‘ठाकरे सेना’ कहना चाहिए।

 पीएम को छत्रपति शिवाजी नहीं: बता दें कि इस किताब पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा है कि, ‘‘मोदी एक कर्तबगार और लोकप्रिय नेता हैं, देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कोई तोड़ नहीं। फिर भी वे देश के छत्रपति शिवाजी हैं क्या? उन्हें छत्रपति शिवाजी का स्थान देना सही है क्या? इसका उत्तर एक स्वर में यही है, ‘नहीं नहीं!’ उनकी तुलना जो लोग शिवाजी महाराज से कर रहे हैं उन्होंने छत्रपति शिवाजी राजे को समझा ही नहीं। प्रधानमंत्री मोदी को भी ये तुलना पसंद नहीं आई होगी। लेकिन अति उत्साही भक्त नेताओं के लिए अक्सर परेशानी खड़ी कर देते हैं। ये मामला भी कुछ ऐसा ही है।’’

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शिवसेना नहीं,  ‘ठाकरे सेना’: गौरतलब है कि इस लेख के बाद शिवाजी के वंशज व पूर्व सांसद उदयनराजे भोसले ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा है कि, “शिवसेना का समय अब खत्म हो गया है। खुद को शिवसेना कहना बंद करें, इसके बजाय आपको खुद को ‘ठाकरे सेना’ कहना चाहिए। महाराष्ट्र के लोग मूर्ख नहीं हैं।”

‘आज का शिवाजी: नरेंद्र मोदी’:    दरअसल, बीजेपी नेता जय भगवान गोयल ने एक पीएम मोदी पर किताब लिखी है जिसका टाइटल ‘आज का शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ है। बीते रविवार (12 जनवरी) को इसका विमोचन दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय पर किया गया। इस मौके पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी समेत कई नेता मौजूद थे। लेकिन इस किताब के टाइटल को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में बयानबाजी शुरू हो गई।