दिल्ली हिंसा के बाद गुरुवार को माहौल एक बार फिर गरम हो गया। गाजीपुर बार्डर पर गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है, वहीं किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।

दिल्ली की सीमा से लगे यूपी गेट पर टकराव की स्थिति के बीच भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं प्रदर्शन स्थल पर शाम में कई बार बिजली कटौती देखी गयी जहां टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्य 28 नवंबर से डटे हुए हैं।

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा को लेकर तीन किसान संगठनों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन वापस ले लिया है। इसके बाद प्रशासन ने यह “मौखिक” निर्देश दिया। जिले के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने यूपी गेट पर डेरा डाले प्रदर्शनकारियों से संवाद किया और उन्हें रात तक प्रदर्शनस्थल खाली करने को कहा। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन उन्हें हटा देगा। हालांकि, बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने इस कदम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की निंदा की।

टिकैत ने पीटीआई को भेजे एक संदेश में कहा, “मैं आत्महत्या कर लूंगा लेकिन तब तक आंदोलन समाप्त नहीं करूंगा जब तक कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर दिया जाता।” अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शन स्थल पर सशस्त्र गुंडों को भेजा गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सशस्त्र गुंडों को विरोध स्थल पर भेजा गया था।

बार्डर पर बैठे किसानों को पुलिस ने रात तक चले जाने का अल्टीमेटम दिया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि किसान नेता और उनके समर्थक वहां से नहीं हटे तो उन्हें जबरन हटा दिया जाएगा।
दिल्ली में गाजीपुर बार्डर पर तनाव को देखते हुए दिल्ली और यूपी पुलिस के जवान भारी संख्या में सड़क के दोनों ओर तैनात रहे। तेज ठंड और कोहरे के बीच माहौल में गर्मी का रुख रहा।
गाजीपुर बार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थकों के साथ ही भारी संख्या में मीडिया का भी जमावड़ा रहा। राकेश सिंह टिकैत ने कहा कि वह जान दे देंगे, लेकिन आंदोलन नहीं बंद करेंगे।
पुलिस की रात तक खाली करने की चेतावनी और किसानों के आंदोलन जारी रखने की धमकी के बीच कई किसान अपनी गाड़ी पर बिस्तर बिछाकर सड़क के किनारे जमे रहे।
कई किसान देर रात तक अपने नेताओं के आगे की रणनीति की प्रतीक्षा में सड़क पर ही आग जलाकर तापते रहे।
कई किसान देर रात तक आंदोलन स्थल पर गद्दे बिछाकर माहौल को लेकर चर्चा करते रहे। हालांकि वहां पर पहले जैसी भीड़भाड़ और धरना वाला माहौल नहीं दिखा। कुछ ही किसान वहां पर मौजूद दिखे।
यूपी बार्डर को खाली कर देने के पुलिस-प्रशासन के अल्टीमेटम की वजह से गाजीपुर बार्डर पर पुलिस का सख्त पहरा रहा।