कोरोना को लेकर देशभर में संकट गहराता जा रहा है। तमाम हिदायतों, दावों, कोर्ट की फटकार और निर्देशों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो रही है। हजारों की संख्या में लोग एक के बाद एक दम तोड़ रहे हैं, लेकिन राजनेता सिर्फ अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर थोपने में ही लगे हैं।

रिपब्लिक भारत चैनल पर टीवी डिबेट में एंकर ऐश्वर्य कपूर ने पूछा कि समाधान कब तक निकलेगा और सबको इलाज क्यों नहीं मिल पा रहा है। इस पर भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी हर नागरिक के प्रति है। उन्होंने उदाहरण दिया कि महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार नहीं है, लेकिन वहां के सीएम ने जितनी मात्रा में ऑक्सीजन मांगी थी, उतनी उन्हें बिना भेदभाव के दी गई। कहा कि दिल्ली का मामला अलग है। पूछा कि यहां कोरोना के खिलाफ केजरीवाल सरकार पर तैयारी के लिए एक साल का टाइम था तो उन्होंने तैयारी क्यों नही की? उस समय तो वह विज्ञापन देकर बता रहे थे कि सब कुछ ठीक है।

उनकी बात पर आम आमदी पार्टी की प्रवक्ता आतिशी मार्लेना सिंह ने कहा कि दिल्ली की भी जितनी जरूरत है उसे दे दो। क्यों नहीं देते हैं। उनकी बात पर गुस्सा दिखाते हुए भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बीच में मत बोलिए। आईना दिखाओ तो बीच में कूद पड़ती हैं।

आप प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ टालती रहती है। हमारी आवश्यकता 973 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए। वह क्यों नहीं दे देती सरकार। अगर केंद्र सरकार दिल्ली की जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन उपलब्ध करा दे, तो हम फिर राजधानी में बेड्स की संख्या में इजाफा कर सकते हैं। गौरव भाटिया इसका जवाब दें।

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा। कहा कि सरकार के पास रणनीति का पूरी तरह अभाव है, ऐसे में अब संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन लगाने के साथ ही कमजोर तबकों को सीधी आर्थिक मदद दी जाए। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अब पूर्ण लॉकडाउन का ही विकल्प बचा है तथा इसके साथ ही कमजोर तबकों की सुरक्षा के लिए ‘न्याय’ (न्यूतम आय गारंटी) दिया जाए। भारत सरकार की निष्क्रियता से बहुत सारे निर्दोष लोगों की जान जा रही है।”