विनायक दामोदर सावरकर को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद से देश में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है कि वो राष्ट्रवादी थे या नहीं। बीजेपी उन्हें राष्ट्रवादी मानती है, जबकि कांग्रेस उन्हें अंग्रेजों के सहयोगी। इसी को लेकर एक टीवी बहस में लेखक रतन शारदा ने कहा कि गांधी की हत्या से सावरकर बरी हो गए थे।

शारदा ने एबीपी न्यूज के साथ एक टीवी शो में बात करते हुए कहा कि गांधी की हत्या के बाद सावरकर के भाई को पत्थरों से मारा गया था। इसका फायदा नेहरू को हुआ और नुकसान हिन्दूवादियों को। ऐंकर रुबिका लियाकत ने जब रतन शारदा से गांधी हत्या में सावरकर को लेकर सवाल पूछा तो पैनलिस्ट के रूप में मौजूद इस लेखक ने कहा कि देखिए जो केस गांधी हत्या का चला उसके अंदर सावरकर को बरी किया गया। कपूर कमीशन ने जो रिपोर्ट बनाई उसके अंदर उन्हें कोई दोष नहीं दिया गया। दो सुप्रीम कोर्ट के जजों की कमीशन बैठी जिसके अंदर इनको पूर्ण रूप से मुक्त किया।

आगे शारदा ने कहा-“जहां तक इतिहास बदलने की बात है, गांधी हत्या के बाद में सावरकर के भाई को पत्थरों से मारा गया। वो उन घावों से मर गए। गांधी हत्या को फायदा किसको हुआ नेहरू जी को, नुकसान किसका हुआ हिन्दुत्वादी शक्तियों का। मदनलाल पहवा के कहने के बाद भी गांधी जी को क्यों सुरक्षा नहीं मिली, पता नहीं। गांधी जी को अस्पताल क्यों नहीं लेकर गए, पता नहीं”।

बता दें कि मोहन भागवत ने कहा था कि आजादी के बाद से सावरकर को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और इस कड़ी में अगला नंबर विवेकानंद का है। आज के दौर में लोगों को सावरकर के बारे में सही जानकारी नहीं है। इसी कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सावरकर को लेकर बयान दिया था।

राजनाथ सिंह ने कहा था कि वीर सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों के सामने दया याचिका लगाई थी। एक खास वर्ग द्वारा सावरकर के बारे में जानबूझकर झूठ फैलाया गया और भ्रम की स्थिति पैदा की गई।