देश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने सबको बेचैन कर रखा है। इसको लेकर सरकारों पर जबर्दस्त दबाव बढ़ रहा है। कोरोना से दम तोड़ रहे लोगों की संख्या में लगातार तेजी आने को लेकर टीवी चैनलों पर भी बहस जारी है। एबीपी न्यूज चैनल पर एंकर रूबिका लियाकत ने पूछा कि क्या देश की जनता का सरकारों पर भरोसा खत्म हो चुका है। क्या देश की जनता मान चुकी है कि सरकार कुछ नहीं करेगी।
उन्होंने सबसे पहले भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया से पूछा, कि ज्यादातर राज्यों में आपकी सरकार है। केंद्र में भी आपकी सरकार है। एक बात का तो पूरा भरोसा हो चुका है इस संकट भरे टाइम में कि किसी भी सरकार पर भरोसा नहीं है। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि सबसे पहले देखिए जब आप ऐसे शब्दों का प्रयोग करेंगी कि किसी भी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है तो यह कहीं न कहीं बेईमानी है। बेईमानी है केंद्र सरकार के साथ भी और जो कर्तव्य परायण नेता हैं जैसे नरेंद्र मोदी जी। उनके इस जवाब पर एंकर रूबिका लियाकत आपत्ति जताने लगीं, बोलीं कैसी बेईमानी है? इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि ठीक है आप बोल लीजिए। उन्होंने कहा कि आप अपनी आपत्ति जता चुकी हों तो मुझे अपने जवाब देने दीजिए।
रूबिका लियाकत ने कहा कि “इस पर भी आपको घमंड है गौरव भाटिया जी। आप अपने शब्द वापस लीजिए। आप इतने घमंड में बैठे हैं। पूरे देश का सिस्टम खराब हो चुका है।” गौरव भाटिया ने कहा कि रूबिका जी आप शब्दों का जाल बुनिए, मैं चुप रहूंगा। रूबिका लियाकत ने कहा कि “पूरे देश में बेहूदा सिस्टम का जाल बुना हुआ है और आप चाहते हैं कि मैं यहां पर शब्दों की मर्यादा रखूं। इस बात की मर्यादा रखूं। लोग मर रहे हैं।”
वह बोलीं, “आपने वह तस्वीर देखी है कि मां के कदमों पर बेटे की लाश पड़ी हुई है। और आप कह रहे हैं कि मैं यहां पर बेईमानी कर रही हूं। मुझे पता था कि आप लोगों को बड़ा गुस्सा आएगा इस बात को लेकर, आप अभी भी इस घमंड में बैठे हैं गौरव भाटिया कि आपने बहुत शानदार काम किया है।” कहा- बोलिए, जवाब दीजिए गौरव भाटिया।
गौरव भाटिया ने कहा, नहीं, आप और बोल लीजिए। और समय ले लीजिए, दर्शक आपको देख रहे हैं। रूबिका लियाकत ने कहा कि मेरे पास बोलने के लिए 24 घंटे हैं। गौरव भाटिया ने कहा कि मेरे पास भी बोलने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन सकारात्मक रूप से, मैं तूतू-मैंमैं नहीं कर सकता हूं।