त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया। सयानी पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा के दौरान उन्हें धमकी देने का आरोप है। उधर, अरेस्ट के विरोध में विरोध में ममता के 15 सांसद दिल्ली पहुंचे गए हैं। उन्होंने गृह मंत्री शाह से मिलने का समय मांगा है। सांसदों का कहना है कि सोमवार से वो धरना देने जा रहे हैं।
सायानी घोष को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया गया। पहले उनको पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। पुलिस ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणियों के आरोप में सायानी को हत्या के प्रयास, वैमन्स्य को बढ़ावा देने के आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन पर बैठक स्थल पर पहुंचकर ‘खेला होबे’ के नारे लगाने का भी आरोप है। पुलिस ने कहा कि घोष से पूछताछ के दौरान थाने के बाहर एकत्र लोगों के समूह पर कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने हमला किया।
उधर, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्का-मुक्की की। हालांकि, भाजपा ने आरोप को खारिज किया है। उधर, तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर त्रिपुरा की भाजपा सरकार पर राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।
अभिषेक बनर्जी ने रविवार सुबह को किए गए हमले का वीडियो ट्विटर पर साझा किया। मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह हमारे समर्थकों और महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय हमला करने के लिए लगातार गुंडे भेज रहे हैं। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र का मजाक बना रही है।
तृणमूल कांग्रेस की नेता व राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देब ने कहा कि हमारे उम्मीदवारों को पीटा गया। उनके घरों में तोड़-फोड़ की गई और शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस यहां एकतरफा तरीके से काम कर रही है। वहीं, भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया, क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती।