उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या कर दी गई। 9 दिसंबर को देहरादून में एंजेल पर 6 लोगों ने हमला किया था। एंजेल 17 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा। 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद से उसका परिवार सदमे में है। वहीं अब एंजेल के परिवार ने उत्तराखंड पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है।

एंजेल चकमा के पिता का आरोप

एंजेल चकमा के पिता ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमले के बाद उन्होंने इसे मामूली मामला बताकर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। एंजेल के पिता तरुण प्रसाद चकमा ने कहा, “हम एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन यह कहकर मना कर दिया गया कि यह मामूली मामला है। जब हम वहां गए, तभी उन्होंने आखिरकार मामला दर्ज किया।”

तरुण प्रसाद चकमा ने आगे कहा, “पूर्वोत्तर के हमारे बच्चे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे विभिन्न स्थानों पर काम करने या पढ़ाई करने जाते हैं, उनके साथ इस तरह का भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। हम सभी भारतीय हैं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि सभी के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।”

‘हम चीनी नहीं, भारतीय हैं…’, देहरादून में मारे गए त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा ने हमलावरों से कहा था

मैंने अपने बच्चे को गंभीर हालत में देखा- तरुण प्रसाद चकमा

तरुण ने हमले के बाद अस्पताल में अपने बच्चों से मिलने का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने बच्चे को गंभीर हालत में देखा। उसकी पीठ में दो बार चाकू लगने से उसका बायां हाथ और पैर लकवाग्रस्त हो गए थे। उसके सिर से खून बह रहा था। देहरादून पहुंचने के बाद ही मामला दर्ज हुआ। मैंने पुलिस को घटना की सूचना दी और उन्होंने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज देखे। फुटेज में दिखा कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोग मेरे छोटे बेटे के पास आए, उससे थोड़ी देर बात की और फिर उस पर टिप्पणी करने लगे।” पुलिस शिकायत के अनुसार एंजेल और उसके 21 वर्षीय भाई माइकल चकमा को छह लोगों के एक ग्रुप ने रोका और कथित तौर पर उन्हें नस्लीय गालियां दीं, जिनमें ‘चिंकी, चीनी, और मोमो’ शामिल हैं।

माइकल चकमा की शिकायत के आधार पर 12 दिसंबर को भारतीय न्याय संहिता की उन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल और आपराधिक धमकी देना शामिल है। 14 दिसंबर को डॉक्टरों द्वारा चोटों की गंभीरता का आकलन करने के बाद, पुलिस ने हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के अतिरिक्त आरोप लगाए। 6 आरोपियों में से 5 (जिनमें दो नाबालिग शामिल हैं) को 14 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मुख्य आरोपी यज्ञ अवस्थी अभी भी फरार है। पुलिस ने बताया कि यज्ञ अवस्थी के नेपाल भाग जाने का संदेह है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए एक पुलिस टीम को नेपाल भेजा गया है। (यह भी पढ़ें: देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या से गुस्साए सीएम धामी)