त्रिपुरा (Tripura) के विधानसभा चुनाव की राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। पिछले दिनों त्रिपुरा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने नई पार्टी टिपरा मोथा (Tipra Motha) पर सीपीएम (CPM) और कांग्रेस (Congress) के साथ लीग में शामिल होने का आरोप लगाया। अमित शाह के आरोप पर टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर देबबर्मा (Pradyot Kishore Debbarma) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बीजेपी पर कई राज्यों में बी टीम होने का आरोप लगा दिया है।

शाह ने टिपरा मोथा पर लगाया था आरोप

अमित शाह ने संतिरबाजार में एक रैली में कहा था कि पहले कांग्रेस और कम्युनिस्ट लड़ रहे थे और इस बार, कांग्रेस और कम्युनिस्ट एक साथ आए हैं और अबकी बार टिपरा मोथा भी उनके साथ हैं। उन्होंने आदिवासी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग झूठे वादे करना चाहते हैं और आपका वोट लेना चाहते हैं, वे कम्युनिस्टों के साथ हैं। शाह ने लोगों से कहा कि वह उनके जाल में न पड़ें। अगर कोई आदिवासियों के लिए प्रगति ला सकता है तो वह सिर्फ बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं।

टिपरा मोथा ने दिया जवाब

गृहमंत्री अमित शाह के आरोपों पर प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने कहा कि मैं देश के गृहमंत्री को बताना चाहता हूं कि माणिक्य कबीला किसी के सामने नहीं झुकता है और किसी की बी-टीम नहीं है। आपने (शाह) मेरे दादाजी महाराजा बीर बिक्रम का नाम लिया। मैं आपको बताना चाहता हूं कि आप समझ लें कि बीर बिक्रम का पोता अपनी जमीन, अपने लोग किसी को नहीं बेचेगा। हम किसी की बी-टीम नहीं हैं। देबबर्मा ने कहा कि भाजपा नागालैंड में एक बी-टीम है। मेघालय, शिलॉन्ग और गारो हिल्स में बीजेपी किसी अन्य पार्टी की बी-टीम हैं। बीजेपी मिजोरम में किसी अन्य पार्टी की बी-टीम हैं। वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके की बी-टीम, पंजाब में आप अकाली दल की बी-टीम हैं। देबबर्मा ने कहा कि बीजेपी कई पार्टियों की बी-टीम है। टिपरा मोथा एक छोटी पार्टी है। यह पार्टी झुकती या समझौता नहीं करती है।

‘बी-टीम थे तो दिल्ली आमंत्रित क्यों किया?’

देबबर्मा ने अमित शाह से सवाल करते हुए कहा कि अगर हम वास्तव में बी-टीम थे तो हमें बातचीत के लिए दिल्ली क्यों आमंत्रित किया? हमने कोई समझौता नहीं किया इसलिए आप हमें बी-टीम कह रहे हैं? देबबर्मा ने कहा कि टिपरा मोथा 2023 में बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस को हरा देगी।

कितनी ताकतवर है टिपरा मोथा?

बता दें कि त्रिपुरा में टिपरा मोथा काफी तेजी से उभरती हुई पार्टी है। अगर बीजेपी और आईपीएफटी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो टिपरा मोठा किंगमेकर बनकर उभर सकते हैं। टिपरा मोथा ने 2021 में आदिवासी क्षेत्रों के जिला परिषद चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 30 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी त्रिपुरा की कुल 60 विधानसभा सीटों में से 20 आदिवासी बहुल सीटों पर अच्छा प्रभाव रखती है । देबबर्मा भी स्थानीय लोगों के बीच ‘बुबागरा’ या ‘महाराजा’ के रूप में जाने जाते हैं। इस बार त्रिपुरा के चुनाव में पार्टी पूरी मजबूती के साथ अपने दावेदारी पेश कर रही है।