तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सांसद सुनील मंडल का शनिवार को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। सुनील शनिवार सुबह कोलकाता के हेस्टिंग्स स्थित भाजपा कार्यालय जा रहे थे। तभी टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और काले झंडे दिखाकर उनका विरोध किया। सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त हंगामा किया और उनकी गाड़ी के सामने लेटकर उन्हें रोकने की कोशिश की।
इस दौरान वहां बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे, जिसके बाद हंगामे के बीच तृणमूल और बीजेपी कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की भी हुई। पिछले हफ्ते 19 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं। इन नेताओं में टीएमसी के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और सांसद सुनील मंडल का नाम शामिल है। इसके अलावा टीएमसी के कई छोटे-बड़े नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली थी। इन नेताओं के लिए हेस्टिंग्स स्थित भाजपा दफ्तर में उनका सम्मान समारोह आयोजित किया गया था।
बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की को देखते हुए पुलिस ने हस्तक्षेप किया और हंगामे को शांत कराया। भाजपा कार्यकर्ताओं और सुनील मंडल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपने घेरे में लेकर सकुशल पार्टी दफ्तर में पहुंचाया।
इस घटना पर मंडल का कहना है कि इससे तृणमूल का असली रंग सामने आ गया। वे किसी भी लोकतांत्रिक नियम को नहीं मानते। जन प्रतिनिधि से क्या इस तरह का बर्ताव किया जाता है?’ वहीं तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘यह दल-बदलुओं के खिलाफ लोगों का आक्रोश था और विरोध प्रदर्शन अकस्मात शुरू हुआ।’
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को बागी नेताओं का नेतृत्व करने वाले शुभेंदु अधिकारी को चुनौती दी कि वह उस व्यक्ति का नाम बताएं, जिसको उन्होंने पार्टी का लाभार्थी ‘भाइपो’ (भतीजा) करार दिया था। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के परिवार से कोई भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं है। अधिकारी ने शनिवार को मेदिनीपुर में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने के दौरान टिप्पणी की कि भतीजे को तृणमूल कांग्रेस से बाहर निकालो।

