ममता बनर्जी पिछले दिनों दिल्ली के दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने कई राजनीतिक दिग्गजों और अलग अलग क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों के साथ मुलाक़ात की। लेकिन ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनके रणनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने उनका दिल्ली दौरा हाईजैक कर लिया। इस दौरान ममता बनर्जी से मुलाक़ात करने पहुंचे तृणमूल सांसद तक की तलाशी ली गई।
द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कूमी कपूर के कॉलम इनसाइड ट्रैक के अनुसार ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के दौरान गांधी परिवार से नाराज राजनेताओं और बुद्धिजीवियों तक पहुंचने की उनकी कोशिश एवं भाजपा के खिलाफ एक विकल्प बनाने की तलाश उतनी सफल नहीं रही, जितनी उन्होंने उम्मीद की थी। ममता बनर्जी से मुलाक़ात के लिए पहुंचे कई लोग मीटिंग के दौरान अभिषेक बनर्जी, प्रशांत किशोर और डेरेक ओ ब्रायन के मौजूद रहने के कारण काफी असहज हो गए।
तीनों की मौजूदगी ने ममता बनर्जी और अन्य लोगों की बातचीत को काफी असहज बना दिया और खुलकर बातचीत नहीं हो पाई। क्योंकि ममता बनर्जी से मुलाक़ात करने पहुंचे कई लोगों को डर लगा कि कहीं उनकी बात लीक न हो जाए। इतना ही नहीं कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 के एक सदस्य भी ममता बनर्जी से मुलाक़ात करना चाहते थे लेकिन उन्होंने बैठक के दौरान तीनों के मौजूद रहने की बात पता चलने के कारण इस मुलाक़ात को ही रद्द कर दिया।
इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों द्वारा काफी ज्यादा तलाशी लेने के कारण तो एक तृणमूल नेता ने खुद को अपमानित भी महसूस किया। ममता बनर्जी ने अपने लोगों से दिल्ली दौरे को लेकर शिकायत भी की और कहा कि इस दौरे पर उनकी बैठक उचित ढ़ंग से आयोजित नहीं की गई। दिल्ली दौरे के बाद वे मुंबई दौरे पर गईं जहां उन्होंने सिविल सोसायटी के लोगों के साथ मुलाक़ात की।
अपने दिल्ली दौरे के दौरान ममता बनर्जी ने कई नेताओं को टीएमसी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने हरियाणा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व सांसद कीर्ति आजाद को टीएमसी में शामिल कराया। इसके अलावा उन्होंने जेडीयू नेता पवन वर्मा को भी टीएमसी की सदस्यता दिलाई। अपने दिल्ली दौरे पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाक़ात की। इसके अलावा ममता बनर्जी भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से भी मिलीं।