स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कई बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने देश के स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी मातंगिनी हाजरा को असम की रहने वाली बता दिया जबकि उनका संबंध पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा मातंगिनी हाजरा को असम से जोड़ने पर टीएमसी ने उनके इतिहास के ज्ञान पर सवाल उठाया। टीएमसी के सवाल उठाने पर पश्चिम बंगाल भाजपा ने भी पलटवार किया।
दरअसल लाल किले की प्राचीर से भाषण देने के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी को जनआंदोलन बनाने वाले पूज्य बापू हों या सब कुछ न्योछावर करने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान जैसे महान क्रांतिवीर हों, देश उन्हें याद कर रहा है। साथ ही उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और मातंगिनी हाजरा को भी याद किया लेकिन उन्होंने मातंगिनी हाजरा को पश्चिम बंगाल की बताने के बजाय उन्हें असम से जोड़ दिया।
मातंगिनी हाजरा को असम से जोड़ने के बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी भड़क उठी और प्रधानमंत्री मोदी के ज्ञान पर ही सवाल उठा दिया। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्वीट करते हुए लिखा कि क्या मातंगिनी हाजरा असम से थीं? आपको इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है। आपके अंदर कोई भावना नहीं है। आपने बस दूसरे के द्वारा लिखे हुए भाषण को अपने नाटकीय अंदाज में पढ़ दिया। आपको बंगाल के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
कुणाल घोष ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में आपके विपक्ष के नेता भी इसकी निंदा करेंगे। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का ताल्लुक भी पूर्व मेदिनीपुर से ही है जहां से मातंगिनी हाजरा आती हैं। तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इस मामले पर ट्वीट किया गया। ट्वीट में लिखा गया कि नरेंद्र मोदी जी, मातंगिनी हाजरा बंगाल की एक स्वतंत्रता सेनानी हैं। आपने उन्हें असम से जोड़कर पूरे बंगाल का अपमान किया है।
टीएमसी की ओर से किए गए हमलों पर भाजपा ने भी पलटवार किया। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री की ओर से की गई एक छोटी सी गलती थी और टीएमसी जानबूझकर इसे उजागर कर रही है और उनके भाषण के अन्य हिस्सों को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है, जिनमें उन्होंने केंद्र द्वारा शुरू की गई कई परियोजनाओं का जिक्र किया। इसके अलावा भाजपा नेता जय प्रकाश मजूमदार ने भी कहा कि यह सिर्फ जुबान फिसलना था। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और इतिहास पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा भी कई गलतियां की गई हैं। क्या उन्होंने कभी उन गलतियों के लिए माफी मांगी?
