भारत सरकार ने पेट्रोलियम ईंधन की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए अपने रणनीतिक सुरक्षित भंडार से तेल निकालने का फैसला किया है। भारत सरकार के इस फैसले पर अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने आश्चर्य जाहिर किया और मोदी सरकार पर निशाना साधा। यशवंत सिन्हा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इससे बुरी हालत में भी तेल के सुरक्षित भंडार को छुआ नहीं गया था। ये राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत ने अपने तेल भंडार को इससे भी बुरे समय में नहीं छुआ था। ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रणनीतिक भंडार हैं न कि बाजार की कीमतों को कम करने के लिए हैं। मैं इन सुरक्षित तेल भंडारों को निकाले जाने के सरकार के फैसले से हैरान हूं।

बता दें कि भारत ने अपने रणनीतिक तेल भंडार से 5 मिलियन बैरल तेल निकालने का फैसला किया है। भारत ने यह कदम पेट्रोलियम उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन पर अंकुश लगाए जाने के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान के बाद उठाया है। भारत सरकार ने कहा है कि दुनिया भर के प्रमुख उपभोक्ताओं चीन, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया से विमर्श करने के बाद ही तेल निकाला जा रहा है।

सुरक्षित भंडार से निकाला गया तेल हिंदुस्तान पेट्रोलियम और मैंगलोर रिफाइनरी को मिलेगा। ये रिफाइनरी ही आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम, कर्नाटक के मैंगलोर और  तमिलनाडु के पादुर स्थित रणनीतिक तेल भंडार से जुड़े हुए हैं। 5 मिलियन बैरल तेल निकालना भारत के कुल रणनीतिक तेल भंडार के लगभग 13% के बराबर होगा।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब टीएमसी नेता ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा हो। पिछले दिनों नोएडा के जेवर एयरपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी के शामिल होने को लेकर भी यशवंत सिन्हा ने उनपर निशाना साधा था। टीएमसी नेता ने एक लेख लिखकर हमला बोला था। जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्तारूढ़ दल और सरकार दो अलग-अलग चीजें हैं। कभी भी दल को सरकार के कामों में दखल नहीं देना चाहिए। दोनों के बीच एक लक्ष्मण रेखा खींची गई है। लेकिन सरकार ने लक्ष्मण रेखा लांघी है।