कांग्रेस बहुत जल्द लोकसभा में पार्टी के नेता का बदलाव करने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बहुत जल्द लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में अधीर रंजन चौधरी की जगह ले सकती हैं। संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस कई बदलाव करने वाली है। यह उनमें से एक है।
अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से सांसद हैं। वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अभियान का चेहरा थे और राज्य कांग्रेस के प्रमुख हैं। चौधरी कांग्रेस नेताओं के जी-23 समूह के बड़े आलोचक हैं। जब इन नेताओं ने संगठन में बड़े बदलावों के लिए सोनिया गांधी को पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था तो अधीर रंजन चौधरी नेतृत्व के साथ खड़े थे। वह संसद में पब्लिक अकाउंट कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा था। उसके बाद चौधरी ने कहा था कि पार्टी को सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहना चाहिए और उन्हें लोगों के बीच जाना चाहिए। चौधरी ने कहा “जैसे कि सोनिया गांधी ने निर्देश दिये हैं। कार्यकर्ताओं को सक्रिय रूप से कोविड रोगियों को राहत दिलाने में मदद करने का काम करना होगा।”
चौधरी को हटाने के कदम को कांग्रेस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल बनाने और बीजेपी के खिलाफ अभियान का समन्वय करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। सोनिया गांधी लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी की जगह लेने को तैयार हैं।
एक ओर जहां कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों में वामदल के साथ गठबंधन करके तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्य रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करने से परहेज किया था और उनकी जीत का स्वागत किया था।
वहीं दूसरी ओर चौधरी बनर्जी और उनकी सरकार के आलोचक थे। कांग्रेस ने वास्तव में कई मौकों पर विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ दिया है। चौधरी को हटाना शायद कांग्रेस द्वारा यह सुनिश्चित करने का एक प्रयास है कि संसद में तृणमूल कांग्रेस के साथ समन्वय बिना किसी बाधा के हो।
सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ अपनी जोरदार लड़ाई को बड़े पैमाने पर संसद तक ले जाने के लिए कमर कस रही है। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से संपर्क कर राष्ट्रपति से संपर्क कर सकती है। बड़ा सवाल यह है कि निचले सदन में कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में चौधरी की जगह कौन लेगा।