नई दिल्ली। भाजपा ने रविवार को साफ किया कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी। पार्टी ने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए कि वह राकांपा की बाहर से समर्थन की पेशकश के खिलाफ नहीं है। महाराष्ट्र में भाजपा बहुमत से पीछे दिखाई दे रही है और ऐसे में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकतंत्र के नियमों के अनुसार सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का अधिकार है। भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी। अपनी पूर्व सहयोगी शिवसेना की एक तरह से अनदेखी करते हुए उन्होंने कहा कि राकांपा ने खुद से बिना शर्त बाहर से समर्थन का प्रस्ताव दिया है और वह सरकार में शामिल नहीं होना चाहती। महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावी जीत को कांग्रेस मुक्त भारत की दिशा में दो कदम और आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि यह जीत मोदी सरकार के कामकाज, उसकी नीतियों और पिछले चार महीने में की गई पहलों पर एक तरह से जनता की मुहर है।

 

राकांपा के प्रस्ताव पर भाजपा के फैसले के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा था। शिवसेना को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नतीजों से साबित हो गया है कि कौन सही है। जितनी सीटों की हमें पेशकश की जा रही थी, हम उनसे ज्यादा सीटों पर जीते हैं। भाजपा 288 सीटों में से 134 पर चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन शिवसेना 119 से ज्यादा सीटें उसे देने को तैयार नहीं हुई। शाह ने कहा कि हम अपने सहयोगी का सम्मान करते हैं और सहयोगी दलों को साथ में रखना चाहते हैं लेकिन अपने कार्यकर्ताओं को नुकसान पहुंचाकर नहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदर्शन से कांग्रेस दोनों ही राज्यों में नेता प्रतिपक्ष के लायक भी नहीं रही। इस जीत से साबित हो गया है कि मोदी देश के निर्विवाद नेता हैं और विरोधियों की यह सोच गलत साबित हो गई है कि उपचुनावों में मामूली झटकों के बाद मोदी लहर समाप्त हो गई है।

 
शाह ने कहा कि नतीजों से साबित हुआ है कि सुनामी की तरह मोदी लहर समूचे विपक्ष को समाप्त कर रही है। दोनों राज्यों में भाजपा की जीत चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी जीत है। इस विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने हरियाणा में अधिकतम 26 सीटों पर चुनाव लड़ा था और कभी भी उसे 16 से अधिक सीटों पर जीत हासिल नहीं हुई थी। पार्टी प्रमुख ने कहा कि निवर्तमान हरियाणा विधानसभा में उसके केवल चार विधायक थे। इस बार हमने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा जिनमें से 74 पर पहली बार किस्मत आजमाई और बड़ी अच्छी तरह से जीत गए।

 
बकौल शाह पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में नौ फीसद वोट मिले थे, इस बार 33 फीसद लोगों ने पक्ष में मतदान किया है। महाराष्ट्र के संदर्भ में शाह ने कहा कि भाजपा कभी 119 सीटों से ज्यादा पर नहीं लड़ी। लेकिन गठबंधन टूटने के बाद इस बार पार्टी सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे उतनी सीटों पर सफलता मिल गई जितनी शिवसेना देने को भी तैयार नहीं थी। राज्य में पिछली बार भाजपा को 14 फीसद वोट मिले थे लेकिन इस बार 27.8 फीसद वोट मिले हैं जो एक बड़ी छलांग है ।