मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने औसत से ज्यादा अधिकतम तापमान रहने की वजह मजबूत पश्चिम विक्षोभ का नहीं होना है। पहाड़ों में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है लेकिन यह भी ज्यादा प्रभावी नहीं हैं। मतलब इससे पहाड़ों में तो हल्की बारिश व बर्फबारी हो सकती है पर मैदानों में इसका असर नहीं होगा।

भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने यह जानकारी दी। बर्फ कम पड़ना या बारिश न होना बढ़े तापमान की वजह बताई गई है। मौसम संबंधी निजी वेबसाइट स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान व जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत में महीने के शुरुआती पखवाड़े में मध्यम दर्जे के तीन पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिले, लेकिन इनसे उत्तर के पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी नहीं हुई। वहीं पश्चिमोत्तर के मैदानी इलाकों में होने वाली बारिश में भा कमी देखने को मिली।

उन्होंने बताया कि महीने के दूसरे पखवाड़े में केवल दो पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिले वह भी काफी कमजोर थे। मौसम विभाग ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी हिस्से में बना है जिसके अगले दो से तीन दिन में सक्रिय होने की संभावना है लेकिन इससे भी पहाड़ी इलाकों में हल्की बारिश व हल्की ही बर्फबारी की संभावना है। पश्चिमोत्तर के मैदानों में इसका असर नहीं होगा। जबकि बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बन रहा है।

मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 27 डिग्री रहा। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 7.3 डिग्री दर्ज किया गया था। वर्ष 2020 में 23 नवंबर को दर्ज न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री के बाद यह इस महीने का सबसे कम तापमान था।