Congress में गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने के कुछ पार्टी नेताओं के प्रयास का पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सोनिया जब तक चाहें उन्हें अध्यक्ष बने रहना चाहिए। उनके बाद राहुल गांधी को कमान संभालनी चाहिए, जो पूरी तरह सक्षम हैं। सिंह ने एक बयान में कहा कि देश के संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बर्बाद कर रहे भाजपा नीत राजग के खिलाफ आज मजबूत विपक्ष की जरूरत है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मजबूत और एकजुट विपक्ष के नहीं रहने के कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को सफलता मिली। सिंह ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण समय में पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले कांग्रेस के इन नेताओं का कदम पार्टी के हितों और राष्ट्र के हितों के लिए हानिकारक होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो केवल कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि समूची पार्टी, समस्त कार्यकर्ताओं और देश के लिए स्वीकार्य हो।’’ साथ ही कहा कि गांधी परिवार इस भूमिका के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया गांधी जब तक चाहती हैं उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए।’’ इसके बाद राहुल गांधी को पद की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए क्योंकि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह योग्य हैं।
दरअसल, कांग्रेस की सोमवार को कार्यसमिति की हो रही बैठक के पहले पार्टी के भीतर से अलग-अलग स्वर सामने आए हैं। पूर्व मंत्रियों समेत कुछ कांग्रेसी नेताओं ने संगठन में फेरबदल और नेतृत्व में बदलाव के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश सीमा पर बाहरी खतरे का ही सामना नहीं कर रहा बल्कि अपने संघीय ढांचे पर भी आंतरिक खतरे का सामना कर रहा है। एकजुट कांग्रेस ही देश और यहां के लोगों का बचाव कर सकती है।
नेतृत्व में बदलाव की मांग को ‘अवांछनीय’ बताते हुए सिंह ने कहा कि ब्रिटिश शासकों से आजादी हासिल करने के बाद से ही गांधी परिवार ने देश की प्रगति में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब देश की संवैधानिक मजबूती पर खतरा मंडरा रहा है, प्रत्येक कांग्रेसी का कर्तव्य है कि वह गांधी परिवार के पीछे दृढ़ता से एकजुट रहे, जिन्होंने इन दशकों में पार्टी को एकजुट रखा है और आगे भी ऐसा करते रहेंगे।’’
‘नेतृत्व को चुनाव की जगह सर्वसम्मति को एक मौका दे कांग्रेस’: अध्यक्ष पद के लिये चुनाव कराने को लेकर कांग्रेस के अंदर से उठती आवाजों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि पार्टी को चुनावों की जगह सर्वसम्मति को एक मौका देना चाहिए। खुर्शीद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का “पूर्ण समर्थन” और “भरोसा” हासिल है और इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनपर अध्यक्ष का ठप्पा है या नहीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा, “मैंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि गांधी कांग्रेस के नेता हैं। कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता, यहां तक कि विपक्ष भी इससे इनकार नहीं कर सकता। मैं एक नेता के होने से बहुत खुश हूं, मैं इस बात की चिंता नहीं करता कि हमारे पास अध्यक्ष है या नहीं, हमारे पास एक नेता (राहुल गांधी के रूप में) हैं और यह बात मुझे सुकून देती है।”
बघेल ने राहुल को लिखा पत्र- फिर संभालें कमानः कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को राहुल गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह एक एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालें। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘गांधी-नेहरू परिवार का भारत को गरीब राष्ट्र की श्रेणी से निकालकर आधुनिक राष्ट्र बनाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस परिवार ने देश के लिए जो कुर्बानियां दी हैं वो अविस्मरणीय हैं।’’
बघेल ने कहा, ‘‘135 साल के इतिहास में कांग्रेस ने अनेक संकटों का सामना किया, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं की गांधी-नेहरू परिवार में आस्था हमेशा अडिग रही। देश की जनता ने लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप ही इस परिवार के प्रति अपना समर्थन जताया है।’’ उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘हर चुनौती में हमारे लिए उम्मीद की किरण सोनिया जी और राहुल जी हैं। हम सभी आपके साथ हैं। छत्तीसगढ़ और देश के करोड़ों कार्यकर्ता और देशवासी आपके साथ हैं। देश जिस संकटपूर्ण दौर से गुज़र रहा है उससे आपके नेतृत्व में ही छुटकारा मिलेगा।’’
CWC बैठक में राहुल का नाम रखने की तैयारी में कई नेता: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कई वरिष्ठ नेताओं की ओर लिखे गए पत्र के बाद नेतृत्व के मुद्दे पर तेज हुई बहस के बीच कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के कई सदस्य सोमवार को होने वाली बैठक में राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग रखने की तैयारी में हैं। साथ ही, कुछ नेताओं को यह उम्मीद है कि पार्टी की कमान संभालने के लिए राहुल गांधी के तैयार नहीं होने की स्थिति में भी नेतृत्व एवं संगठन को लेकर आगे की दिशा तय करने के लिए सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के बीच किसी न किसी रोडमैप पर सहमति बन जाएगी।