रिपब्लिक टीवी के शो पूछता है भारत पर पैनलिस्ट प्रीति पांडेय ने शिवसेना नेता से कहा कि आप लोगों ने महाराष्ट्र सरकार में चोर भर रखे हैं। सचिन वाजे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एक मामूली सब इंस्पेक्टर के पास डेढ़ करोड़ की गाड़ी कहां से आई। शिवसेना नेता विक्रम सिंह यादव ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि आप सुशा्ंत राजपूत के केस के वक्त से चिल्ला रही हैं, कुछ मिला आपको। उनका कहना था कि सुशांत केस में छह महीन तक इसी तरह से लगातार डिबेट की जाती रही।
शाजिया इल्मी ने कहा कि सचिन वाजे पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को सरकार ने ही सिर पर चढ़ाया। उनका कहना था कि परमबीर और वाजे जैसे लोग देश को खोखला कर रहे हैं। इन फिरौतीबाज और घूसखोरों ने देश को बर्बाद करने में कसर नहीं छोड़ी है। उनका कहना था कि अब उन लोगों के नाम सामने आने चाहिए जिन लोगों ने ऐसे अफसरों को संरक्षण दिया। उनका कहना था कि सरकार की शह के बगैर सचिन वाजे जैसा अदना सा अफसर इतनी हिमाकत नहीं कर सकता।
शिवसेना के प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा कि फिलहाल जांच एनआईए के पास है। विवेचना में सारा सच सामने आ जाएगा। अगर परमबीर और वाजे दोषी निकलते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनाी चाहिए। तिवारी का कहना था कि बेवजह सरकार पर उंगली उठाना ठीक नहीं है। मुंबई पुलिस की एक साख है और वह संजीदगी से अपना काम करती है। सरकार के सामने जैसे ही सच आया उसने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की।
अर्नब ने परमबीर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तो महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी कह दिया है कि मुंबई के कमिश्नर ने जो कुछ किया वह माफी के लायक नहीं है। एनआईए चाहे तो परमबीर से पूछताछ कर सकती है। उनका कहना था कि जो बात वह पिछले छह महीने से कहते आ रहे हैं, वह सच साबित हो रही है। अर्नब ने लुटियंस मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि जब परमबीर की टीम उन्हें घर से गिरफ्तार करके ले गई तो मीडिया का यह ग्रुप बड़ा खुश हो रहा था।
अर्नब ने कहा कि अब लुटियंस मीडिया के पास क्या जवाब है। जिस तरह से सचिन वाजे के पास से महंगी गाड़ियां मिली हैं, वह कई सवाल खड़े कर रहा है। एक मामूली सब इंस्पेक्टर के पास करोड़ों की गाड़ियां कहां से आईं। बकौल अर्नब जब उन्होंने इस बारे में कहा तो किसी ने नहीं मानी। अगर उस समय ही वाजे के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई होती तो यह हालत नहीं होती। अर्नब ने कहा कि मुंबई पुलिस देश की बेहतरीन पुलिस है, लेकिन इस एक मामले में पुलिस की छवि बहुत खराब हुई है।