केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किए गए किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने के बारे में संबंधित राज्य सरकारें निर्णय करेगी, क्योंकि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है।

उन्होंने किसानों द्वारा एक साल से अधिक चले अपने इस आंदोलन को बृहस्पतिवार को समाप्त करने का स्वागत भी किया है। किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज प्रकरणों को वापस लेने के संबंध में पूछे गये सवाल पर तोमर ने कहा कि यह राज्य सरकार की कानून व्यवस्था का मामला है। वही इस मामले में निर्णय लेगी।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन समाप्ति किसी की हार-जीत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेकर किसानों का मान रखा है। एक अन्य सवाल के जवाब में तोमर ने कहा कि किसानों को उर्वरकों की आपूर्ति कराई जा रही है। वह यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने मप्र के गुना पहुंचे थे। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने यह व्यवस्था की है कि एक-एक पाई सीधे हितग्राहियों के खाते में पहुंचती है। बीच के सभी बिचौलिए और दलाल खत्म कर दिए गए हैं।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन स्थगित किए जाने के बाद किसान घर वापसी कर रहे हैं। जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया था। सिंघू बॉर्डर, कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी सीमा) से भी किसान अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। उधर, राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे किसान भाइयों ने घर वापसी शुरू कर दी है, इसमें चार से पांच दिन लगेंगे। मैं अपने घर की ओर 15 दिसंबर को निकलूंगा।

किसानों की वापसी के साथ ही कुंडली बॉर्डर पर करीब आठ किलोमीटर तक का मार्ग खाली हो जाएगा। 50 फीसदी से अधिक किसान पहले ही लौट चुके हैं। माना जा रहा है कि तीन दिन तक मामूली मरम्मत होने के बाद जीटी रोड के दोनों तरफ की सर्विस लेन को चालू किया जा सकेगा। इससे वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी।