The Kashmir Files: फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को लेकर इजराइली फिल्म निदेशक नदव लापिद (Israeli filmmaker Nadav Lapid) द्वारा की गई टिप्पणी का जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने समर्थन किया है। वहीं जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है।

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बुधवार (30 नवंबर, 2022) को ट्वीट करते हुए लिखा कि आखिर में किसी ने एक ऐसी फिल्म का नाम लिया जो और कुछ नहीं बल्कि सत्ताधारी दल द्वारा मुस्लिमों, विशेष रूप से कश्मीरियों को नीचा दिखाने और पंडितों और मुसलमानों के बीच की खाई को चौड़ा करने के लिए प्रचारित की गई थी। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि अब सच को चुप करने के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बयान देकर विवादों में आए इजराइली फिल्म मेकर और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) 2022 के जूरी प्रमुख नदव लैपिड (Nadav Lapid) के खिलाफ जम्मू में विरोध तेज हो गया है। कश्मीरी पंडितों ने बुधवार (30 नवंबर, 2022) को जम्मू में प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन कर रहे योगेश पंडित ने कहा, ‘कश्मीर फाइलें तो 5% ही थी, उन्होंने (नदव लैपिड) 95% नहीं देखा कि क्या हुआ। इसके अलावा वहीं उन्होंने भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन के बयान का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने नदव लैपिड की टिप्पणी की निंदा की थी।

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने की थी जांच की मांग

इससे पहल मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख रवींद्र रैना ने कहा था कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर इजराइली फिल्म निदेशक नदव लापिद द्वारा की गई टिप्पणी केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्थिति के बारे में उनकी जानकारी की कमी दर्शाती है, जबकि फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने उनकी नियुक्ति की जांच की मांग की थी।

नदव लापिद को विस्थापित कश्मीरी पंडितों के शिविरों का दौरा करना चाहिए: रैना

रैना ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि नदव लापिद को पहले जम्मू कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के शिविरों का दौरा करना चाहिए। इस तरह की टिप्पणी की उम्मीद केवल उस व्यक्ति से की जाती है, जो जमीनी स्थिति के साथ ही यह नहीं जानता कि आतंकवाद के चलते लोग कितने प्रभावित हुए हैं, चाहे उनका धर्म कोई भी हो। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद ने पिछले तीन दशकों में एक लाख लोगों की जान ली है और इसके चलते कश्मीरी पंडितों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा। भाजपा नेता ने कहा कि फिल्म आतंकवाद के पीड़ितों की दुर्दशा की सच्ची तस्वीर दर्शाती है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ ग्यारह मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।

IFFI जूरी प्रमुख नदव लैपिड ने पिछले दिनों गोवा में आयोजित 53वें फिल्म फेस्टिवल समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने फिल्म हो लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हम सभी परेशान हैं। यह हमें एक ‘प्रोपेगेंडा, वल्गर फिल्म’ की तरह लगी, जो कि इस तरह की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के कलात्मक और प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए किसी तरह से भी ठीक नहीं है।