अमरावती लैंड स्कैम मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें स्कैम की जांच करने पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने YSR सरकार की याचिका को फिर से हाईकोर्ट के पास भेजते हुए कहा कि मामले की सुनवाई दोबारा की जाए। जो पहलू हाईकोर्ट ने पहले अनदेखे किए थे, उन्हें फिर से देखा जाए।
YSR ने अमरावती स्कैम की जांच कराई थी शुरू, HC ने लगा दी रोक
दरअसल, अमरावती लैंड स्कैम मामले में चंद्रबाबू नायडू पर आरोप है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश का सीएम रहते बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की। निजाम बदला और चंद्रबाबू विपक्ष में आए तो YSR जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने उनके खिलाफ मामले की जांच के लिए एक कमेटी बना दी। उसके बाद SIT को भी जांच करने का आदेश सरकार ने दिया। लेकिन नायडू YSR सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा पहुंचे। उनकी दलील थी कि YSR सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते उनके खिलाफ जांच शुरू कराई थी। सरकार बदलने के साथ इस तरह की हरकतें होती हैं।
हाईकोर्ट ने फैसले में कहा- राजनीतिक दुश्मनी न निकाली जाए
2020 में हाईकोर्ट ने नायडू की अपील पर सरकार की जांच पर स्टे लगा दिया। हाईकोर्ट का कहना था कि राजनीतिक द्वेष के चलते इस तरह की जांच की कोई तुक नहीं है। YSR सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को देखने के बाद हैरत जताई। उनका कहना था कि जांच अभी शुरुआती स्टेज में है। ऐसे में सरकार को जांच कराने से रोका क्यों जा रहा है। डबल बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि आप फिर से सारे केस को देखिए। सारे पहलुओं को देखिए। फिर फैसला कीजिए। हम केस की मेरिट को लेकर कोई सवाल नहीं खड़ा कर रहा हैं। हमें केवल ये लगता है कि हाईकोर्ट का जांच रोकने का फैसला गलत है।
अभिषेक मनु सिंघवी बोले- हाईकोर्ट का फैसला पूरी तरह से गैरकानूनी
YSR सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं। जबकि नायडू की तरफ से एडवोकेट सिद्धार्थ दवे पेश हुए। सिंघवी का कहना था कि अमरावती लैंड स्कैम की जांच रोकने के लिए हाईकोर्ट ने जिस तरह का फैसला दिया है वो गैरकानूनी है। कौन दोषी होगा कौन नहीं, ये बाद की बात है। अभी जांच तो होने दीजिए। जबकि दवे का कहना था कि राजनीतिक दुश्मनी के लिए इस तरह की जांच कराई जा रही है।