केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष के राज्यसभा में व्यवहार को लेकर हमला बोला है। मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के साथ-साथ अब देश को विपक्ष से भी लड़ना होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘ये अत्यंत दुख और शर्म की बात है कि सरकार द्वारा विपक्षी दलों को लगातार मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करने के बावजूद भी विपक्ष ने सकारात्मक चर्चा के बजाय दुर्व्यवहार कर सदन और लोकतंत्र की गरिमा को शर्मसार किया। देश को अब कोरोना की लड़ाई के साथ-साथ नकारात्मक सोच वाले विपक्ष से भी लड़ना पड़ रहा हैI संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले कृत्य के लिए विपक्षी दल को देश से माफी मांगनी चाहिए।’

एक ट्विटर यूजर (@stylistanu) ने इस पर कमेंट किया, ‘ठीक है श्रीमान बिकाऊ।’ अफरोज़ स्मिथ(@smithafroz) ने लिखा, ‘विपक्ष को भी आपकी तरह विचारधारा बदल लेनी चाहिए सही कहा सिंधिया जी।’ यूजर (@rsrohitgcf) ने लिखा, ‘ओ गद्दार तुम तो रहने ही दो।’ बृजभूषण मोहन (@BrijBhushanMoh1) ने लिखा,’अगर विपक्ष को कृषि कानून पर बहस करनी होती तो यह तमाशा नही करते। कृषि कानून पर अगर बहस हो तो शोर कैसे मचे। बस विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य है मोदी को काम नही करने देना।’


बता दें कि संसद के मानसून सत्र के दौरान हंगामा और अमर्यादित व्यवहार करने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि संसद में नियम तोड़ने व इस तरह का बर्ताव करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए कि कोई भी ऐसा करने का साहस नहीं करे। केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं पर मर्शलों के साथ धक्का- मुक्की करने का आरोप लगाया।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष का ‘‘मेरे तरीके से नहीं तो किसी भी तरीके से नहीं’’ का रवैया बहुत निंदनीय है और देश भी ऐसे रुख की निंदा करता है। राज्य सभा के नेता गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। उनमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल और उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के अमर्यादित आचरण एवं मर्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने को लेकर उनके (विपक्षी दलों के सांसदों के) खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।