प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहली भारत-बांग्लादेश ऊर्जा पाइपलाइन का शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। दोनों देशों के बीच यह पहली सीमापार पाइपलाइन है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सब कुछ ठीक रहा। शेख हसीना ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा दिया। उन्होंने असम के सीएम हेमंता सरमा का जिक्र कर उनको भी धन्यवाद किया अलबत्ता उन्होंने एक बार भी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का जिक्र नहीं किया। उन्होंने पाइपलाइन प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए नाम लिए बगैर सभी का धन्यवाद किया।
माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की सीएम का जिक्र न करके बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने अपनी नाखुशी को जताया। उन्होंने दिखाया कि वो ममता बनर्जी से खुश नहीं हैं। उनकी नाखुशी इस बात को लेकर है कि बंगाल सरकार ने दार्जिलिंग के नजदीक हाइडल पॉवर प्रोजेक्ट के साथ नहरों के निर्माण की योजना पर काम शुरू कर दिया है। बंगाल सरकार जलपाईगुड़ी और कूच विहार के खेतों को पानी मुहैया कराने के लिए तीस्ता के पानी को डाईवर्ट करेंगी। बांग्लादेश को इस बात को लेकर एतराज है। उसका मानना है कि इससे उसे नुकसान होगा।
शेख हसीना के लिए तीस्ता का पानी बेहद अहम, ममता की योजना उनके लिए घातक
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एस सबरीन ने गुरुवार को मीडिया से कहा भी था कि पश्चिम बंगाल सरकार की योजना के खिलाफ वो न्यूयार्क की यूएन वाटर कांफ्रेंस में प्रस्ताव पेश कर सकता है। शेख हसीना के लिए तीस्ता का पानी बेहद अहम है। जल्द ही उनको चुनाव में उतरना है। वो नहीं चाहती कि विपक्षी दल तीस्ता के पानी को चुनावी मुद्दा न बना दें। अगर ऐसा होता है तो ये उनके लिए एक खतरा हो सकता है। माना जा रहा है कि शेख हसीना के ममता बनर्जी का नाम अपने भाषण में न लेने की ये ही वजह है। वो मान रही हैं कि ममता का कदम उनके लिए घातक है।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 18 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये से भारत-बांग्लादेश मित्र पाइपलाइन का उद्घाटन किया। पाइपलाइन से एक साल में 10 लाख टन हाई-स्पीड डीजल को भेजा जा सकता है। इसके माध्यम से शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई-स्पीड डीजल भेजा जाएगा। इसे लगभग 377 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। कुल कीमत में 285 करोड़ रुपये बांग्लादेश में पाइपलाइन बिछाने में खर्च हुए हैं। यह राशि भारत ने अनुदान सहायता के तहत खर्च की है।