Telangana Elections: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले एक सप्ताह से भी कम समय राज्य का दूसरा दौरान किया। उन्होंने शनिवार को दलित समुदाय, विशेष रूप से मडिगाओं में पार्टी की पैठ मजबूत करने की कोशिश की। राज्य में यह समुदाय अनुसूचित जाति समुदाय का 60 प्रतिशत हिस्सा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शनिवार को हैदराबाद में एक विशाल सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अनुसूचित जाति उप-समूहों के वर्गीकरण के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया। रैली का आयोजन तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जाति समुदायों तक भाजपा की पहुंच के हिस्से के रूप में मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति (एमआरपीएस) द्वारा किया गया था।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना के सत्तारूढ़ बीआरएस दोनों ने अनुसूचित जाति समुदायों के साथ धोखा किया। पीएम मोदी ने भरोसा दिया कि वह राजनीतिक दलों और राजनीतिक नेताओं द्वारा आपके साथ किए गए अन्याय को ठीक करने का प्रयास करेंगे।

एससी उप-समूहों का वर्गीकरण (Classification Of SC Sub-Groups) एमआरपीएस की एक प्रमुख मांग रही है, और इसके लिए एक समिति गठित करने के मोदी के वादे ने एमआरपीएस प्रमुख मंदा कृष्णा मडिगा को भावुक कर दिया।

पीएम मोदी ने कहा, ‘बीआरएस दलित विरोधी है और कांग्रेस भी उन्हीं की तरह है। दो चुनावों में बी आर अंबेडकर को हराने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार थी।’ पीएम ने अपने भाषण में कहा, ‘भाजपा की सबका साथ सबका विकास की नीति के अनुसार, हम अपने मडिगा भाइयों को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। केवल भाजपा हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बीच गरीबी उन्मूलन के लिए खड़ी है।’

राज्य में बीआरएस सरकार पर पिछले 10 वर्षों में अनुसूचित जाति समुदायों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए पीएम ने कहा, ‘मडिगा समुदाय के अपने भाइयों से मैं कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपसे कुछ मांगने नहीं आया हूं। मैं आपको यह आश्वासन देने के लिए यहां हूं कि मैं राजनीतिक दलों और राजनीतिक नेताओं द्वारा आपके साथ अब तक किए गए अन्याय को ठीक करने का प्रयास करूंगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब तेलंगाना का गठन होने वाला था तो कांग्रेस पार्टी ने बाधाएं पैदा कीं। और जब, इतने बलिदानों के बाद, तेलंगाना का गठन हुआ, तो बीआरएस नेता आपको भूल गए और जाकर कांग्रेस नेताओं को धन्यवाद दिया। आंदोलन के दौरान (राज्य के लिए) आपसे वादा किया गया था कि एक दलित व्यक्ति को तेलंगाना का सीएम बनाया जाएगा, लेकिन राज्य के गठन के बाद, केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) दलित लोगों के सपनों को कुचलकर सीएम की कुर्सी पर बैठ गए।’

पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि केसीआर दलितों को तीन एकड़ जमीन देने के वादे से मुकर गए हैं, और दलित बंधु योजना के तहत धन – एक राज्य सरकार की योजना जो एससी परिवारों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता देती है – केवल उन लोगों को दी जा रही है, जो बीआरएस से जुड़ा है।

उन्होंने कहा कि एमआरपीएस प्रमुख मंदा कृष्णा मडिगा पिछले 30 वर्षों से एससी उप-जाति सर्वेक्षण की मांग कर रहे थे और मडिगा उप-समूह के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे। पीएम ने कहा, अब केंद्र उनकी मांगों पर गौर करेगा।

एमआरपीएस दलित जातियों के एक अलग संख्यात्मक सर्वेक्षण और उनकी संख्यात्मक ताकत के अनुरूप कोटा के प्रावधान की मांग कर रहा है। एमआरपीएस के अनुसार, माला जैसे कुछ एससी उप-जाति समूहों के पास अधिक राजनीतिक प्रभाव है और उन्होंने कोटा पर “कब्जा” कर लिया है, जिससे अधिक आबादी वाले मडिगा लोग हाशिए पर चले गए हैं।